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UP में अराजकता का माहौल, कानून व्यवस्था पर BJP सरकार का नियंत्रण नहीं: सपा
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पर बीजेपी की राज्य सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। खुद सरकारी आंकड़े बता रहे हैं कि अपराध का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। कोई दिन ऐसा नहीं बीतता है जब राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के विभिन्न जनपदों में लूट, हत्या, अपहरण की घटनाएं न होती हों। महिलाएं एवं बच्चियां सर्वाधिक उत्पीड़न की शिकार हो रही हैं। मुख्यमंत्री जी हवाई बयानबाजी से अपनी पीठ थपथपाते हैं। उनकी प्रशासन पर कोई पकड़ नज़र नहीं आती है। पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल है।
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सपा नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पदग्रहण के बाद बड़े जोरशोर से दावा किया था कि अब अपराधी या तो जेल जाएंगे या प्रदेश छोड़ जाएंगे। उनका ठोक दो वाला बयान भी खूब चर्चित रहा था। इस पर पुलिस ने कई निर्दोष लोगों को ठोक दिया तो कई जगह जनता ने पुलिस को ठोक दिया। अपराधी बेखौफ लूट और हत्याएं करते रहे। जो अपराधी जेल में हैं उनकी वहां से अपराधिक गतिविधियां जारी रही। जेल जैसी सुरक्षित जगह पर भी गैंगवार में हत्याएं हुई।
उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि बीजेपी सरकार अपराध नियंत्रण के मामलों में आंकड़ों से खुद मात खाती नजर आती है। 16 मार्च 2018 से 30 जून 2018 तक केवल तीन महीनों में शीलभंग के 17,249, अपहरण के 21077, बलात्कार के 5,600 और बच्चियों से संबंधित अपराध पास्कोकेस 7,018 दर्ज हुए।
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राजेंद्र चौधरी ने कहा कि बीजेपी सरकार की दिक्कत यह है कि उसके पास अपनी कोई योजना तो है नहीं, समाजवादी सरकार में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जो व्यवस्थाएं बनाई थी उन्हें भी बर्बाद कर दिया गया। घटना स्थल पर बिना विलंब पुलिस पहुंचे इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर की यूपी डायल 100 योजना थी। महिला उत्पीड़न रोकने के लिए 1090 की व्यवस्था लागू थी। बीजेपी की उपेक्षा से ये सभी प्रभावी योजनाएं निष्प्रभावी हो गई और अपराधियों के हौंसले बढ़ते चले गए।
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उन्होंने कहा कि बीजेपी ने जनता को सिर्फ परेशानियों की ही सौगातें दी हैं। लोग दहशत में जी रहे हैं। समाज का हर वर्ग असंतोष और आक्रोश में सुलग रहा है। अखिलेश यादव ने जनहित की कई योजनाएं लागू कर किसान, नौजवान, महिला, व्यापारी, शिक्षक, अधिवक्ता सभी को लाभान्वित किया था। बीजेपी ने नोटबंदी-जीएसटी लागू कर घरेलू अर्थव्यवस्था के साथ व्यापार जगत को भी चौपट कर दिया। त्रस्त जनता ने इसलिए मन बना लिया है कि वह साल 2019 में देश में नई सरकार और नये प्रधानमंत्री का चुनाव करके ही रहेगी।