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SP-RLD Alliance: तो सबकुछ ठीक नहीं है अखिलेश-जयंत के बीच में, क्या सपा-रालोद के रिश्तों में है खटास
Meerut News Today: समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल मुखिया जयंत चौधरी (RLD chief Jayant Choudhary) के बीच सबकुछ ठीक नही चल रहा है।
Meerut News: समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव (Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav) और राष्ट्रीय लोकदल मुखिया जयंत चौधरी (Rashtriya Lok Dal chief Jayant Choudhary) के बीच सबकुछ ठीक नही चल रहा है। इसकी ताजी मिसाल पूर्व केन्द्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह (Former Union Minister Chaudhary Ajit Singh) की पहली पुण्य तिथि के मौके पर राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष जयंत चौधरी द्वारा दिल्ली में आयोजित बड़ी श्रद्धांजलि सभा में अखिलेश यादव की अनुपस्थिति है। रालोद (RLD) के उत्तर प्रदेश के एक वरिष्ठ नेता की मानें तो जयंत चौधरी ही नही बल्कि सभी पार्टी नेताओं औरक कार्यकर्ताओं को अखिलेश यादव का चौधरी साहब की पहली पुण्य तिथि के मौके आयोजित बड़ी श्रद्धांजलि सभा में ना आना अखरा है।
राष्ट्रीय लोकदल के इस वरिष्ठ नेता के अनुसार अजित सिंह की पुण्य तिथि (death anniversary of ajit singh) पर दिल्ली के अंबेडकर सेंटर में हुए कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के प्रधान महासचिव रामगोपाल यादव जरुर शामिल हुए। लेकिन,उत्तर प्रदेश में जिस तरह अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के आपसी रिश्ते हैं उसको देखते हुए ऐसे मौके पर अखिलेश यादव की मौजदूगी की सभी को उम्मीदें थीं।
सपा-रालोद के आपसी रिश्तों में खटास
राष्ट्रीय लोकदल ने इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) में समाजवादी पार्टी के साथ तालमेल में 33 सीटों पर चुनाव लड़ा था और आठ सीट जीती हैं। नगर निकाय चुनाव भी राष्ट्रीय लोकदल समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लड़ने की बात कह रही है। जाहिर है कि श्रद्धांजलि सभा में अखिलेश यादव की गैर मौजूदगी सपा-रालोद के आपसी रिश्तों में खटास जरुर पैदा कर गई है।
उधर, जैसा कि सपा की अंदरुनी सूत्रों का कहना है कि अखिलेश यादव जयंत चौधरी की हालिया राजनीतिक गतिविधियों से नाराज हैं। सबसे पहले तो अखिलेश को राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी का पिछले महीने आजम खान के घर जाकर आजम की पत्नी डॉ. तंजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला आजम से मुलाकात करना काफी अखरा था।
मैंने तो जयंत चौधरी को रामपुर नहीं भेजा- अखिलेश यादव
जयंत और अब्दुल्ला आजम खां की इस मुलाकात पर जब अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया आई तो उन्होंने कहा कि मैंने तो जयंत चौधरी को रामपुर नहीं भेजा। जयंत की आजम खां के परिवार वालों से मुलाकात के बाद आजम के रालोद ज्वाइन करने की अटकले भी लगाई जाने लगी हैं। जिससे कि अखिलेश नाराज हैं। यही नही अखिलेश यादव श्रद्धांजलि सभा में अपने विरोधी कुछ नेताओं को बुलाने के खिलाफ थे। जबकि जयंत चौधरी ने भाजपा समेत तमाम दलों के नेताओं को बुलावा भेजा था। जयंत के बुलावे पर लगभग सभी दलों के नेता आए भी।
अजित सिंह की पुण्य तिथि
अजित सिंह की पुण्य तिथि पर आयोजित कार्यक्रम में भाजपा के दो नेता- अनुराग ठाकुर और संजीव बालियान शामिल हुए। बता दें पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा और रालोद का सीधा मुकाबला था। बालियान खुद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा का सबसे बड़ा जाट चेहरा हैं। लेकिन उनको चौधरी चरण सिंह की परिवार की अहमियत पता है। इसके अलावा भाजपा अब भी रालोद से उम्मीद रखे हुए है कि वह उसके साथ आ सकती है। ध्यान रहे अजित सिंह पहले भाजपा के साथ रहे हैं। कांग्रेस की ओर से इस कार्यक्रम में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंदर सिंह हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा शामिल हुए। सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी और वरिष्ठ नेता शरद यादव भी शामिल हुए।