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'साइकिल' की हवा निकाल रहा 'कमल', दिग्गजों की कुर्सी पर मंडरा रहा खतरा
पूर्णिमा श्रीवास्तव
गोरखपुर: सत्ता की हनक और रसूख की खिचड़ी पकती है, तो सिर्फ नीतीश कुमार सरीखे दिग्गज ही पाला नहीं बदलते हैं, ब्लॉक और जिला पंचायत स्तर के सदस्यों की निष्ठाएं भी बदलने लगती हैं। सूबे में योगी सरकार के सत्ता में काबिज होते ही ब्लॉक प्रमुखों और जिला पंचायत अध्यक्ष को लेकर सदस्यों का भरोसा टूटने लगा है।
दो साल पहले प्रशासन के हंटर से लेकर धनबल, बाहुबल के भरोसे ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष बने दिग्गजों की कुर्सी डगमगाने लगी है। जो तस्वीर दिख रही है उससे साफ है कि गोरखपुर-बस्ती मंडल की 99 सीटों में से 13 सीटों से सपा के साइकिल सवार जल्द ही उतारे जाने वाले हैं। इन सीटों पर जल्द ही भाजपाई नेताओं के नेतृत्व में कमल का राज आने वाला है।
कई दिग्गजों की कुर्सी पर मंडरा रहा खतरा
संतकबीर नगर में सपा जिलाध्यक्ष राम नारायण यादव के आशीर्वाद से मिष्ठान कारोबारी संतोष यादव जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज हुए थे। भाजपा विधायक श्रीराम चौहान के करीबी माने जाने वाले संतोष चौहान द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के पारित होने के बाद अब जल्द चुनाव की तिथि घोषित होनी है। देवरिया में भी सपा समर्थित जिला पंचायत अध्यक्ष रामप्रवेश यादव के खिलाफ लामबंदी तेज हो गई है। सपा, कांग्रेस का झंडा बुलंद करने वाले वीरेन्द्र यादव भाजपाई दिग्गजों का आशीर्वाद हासिल कर राम प्रवेश यादव की कुर्सी को हिलाने में जुटे हैं।
गोरखपुर में सपाई गीतांजलि यादव को जीत दिलाने के लिए तत्कालीन जिलाधिकारी ओएन सिंह ने सारी नौतिकता ताक पर रख दी थी। तब पूर्व विधायक विजय बहादुर यादव के भाई काफी कम वोटों के अंतर से हारे थे। बदले हालात में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को कमजोर करने के लिए अंदरखाने जोड़तोड़ तेज हो गई है। वहीं ब्लाक प्रमुख की कुर्सी पर काबिज गोरखपुर के दिग्गज सपाइयों का सिंहासन डोलने लगा है। कैम्पियरगंज में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और सपा नेत्री चिंता यादव के परिवार के रमेन्द्र यादव की ब्लाक प्रमुखी की कुर्सी खतरे में है।
आगे की स्लाइड में जानिए इस उलटफेर से जुड़ी और भी बातें
उनके विरोधी पूर्व मंत्री फतेह बहादुर सिंह की शह पर अजय सिंह सैथवार व निर्मला जायसवाल में कुर्सी पर काबिज होने के लिए जोर आजमाइश चल रही है। वहीं पूर्व जिलाध्यक्ष और पूर्व मंत्री मोहसिन खान के भाई की पत्नी तसनीम फातिमा सत्ता के शह पर उरुवा ब्लॉक की कुर्सी पर काबिज हो गई थीं। भाजपा नेताओं के समर्थन से दुर्गावती चौधरी 101 में से 77 सदस्यों का समर्थन हासिल कर तख्तापलट के लिए ताल ठोंक रही हैं। वहीं खोराबार के ब्लाक प्रमुख शैलेन्द्र यादव के खिलाफ भी आवाज उठने लगी है। देवरिया सदर में सपा नेत्री प्रचंड बहुमत से ब्लाक प्रमुखी की कुर्सी पर बैठी थीं। अब 116 में से 86 सदस्य उनके खिलाफ अविवास का झंडा बुलंद कर रहे हैं।
सिद्घार्थनगर में सर्वाधिक उलटफेर
संतकबीर नगर के नाथनगर ब्लॉक से प्रमुख बने सपा समर्थित शैलेन्द्र यादव की कुर्सी भी जाने वाली है। 101 सदस्यों में 71 ने उनके खिलाफ अविश्वास जताया है। सर्वाधिक उलटफेर सिद्घार्थनगर में नजर आ रहा है। नौगढ़ में बसपा समर्थित ब्लॉक प्रमुख शफीक अहमद के खिलाफ स्थानीय सांसद जगदम्बिका पाल और विधायकों ने लामबंदी तेज कर उनकी कुर्सी को खतरे में डाल दिया है। मिठवल ब्लॉक में सपा प्रत्याशी नूरजहां निर्विरोध ब्लॉक प्रमुख बनी थीं। पिछले दिनों 103 में से 60 ने उनके खिलाफ मतदान कर कुर्सी को खतरे में डाल दिया है।
लोटन ब्लॉक में प्रमुख सजलैन के खिलाफ भी भाजपा समर्थित विद्या देवी के नेतृत्व में 51 में से 28 सदस्यों ने शपथपत्र देकर अविश्वास जताया है। बढऩी ब्लॉक में भी सपा समर्थित वियफी देवी के सामने भी संकट खड़ा हो गया है। भाजपा नेता संतोष पासवान अपनी मां शांति देवी को ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी पर बिठाने की जोड़-तोड़ में जुट गए हैं। बस्ती जिले में 15 में से 13 ब्लॉकों में सपा समर्थित नेताओं का कब्जा हुआ था, लेकिन बदले सियासी माहौल में सभी सीटों पर विरोध की आहट सुनाई दे रही है।