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Rambhadracharya: रामभद्राचार्य के खिलाफ सपाइयों ने आगरा में दी तहरीर, जानें क्या है पूरा मामला
Rambhadracharya: रामभद्राचार्य ने एक बयान देते हुए कहा है कि 'मरे मुलायम कांशीराम फिर से बोलो जय श्री राम'। रामभद्राचार्य के बयान पर सपाइयों व बसपाइयों में आक्रोश है, सपाइयों ने आगरा के सदर थाना ने तहरीर दी है। उन्होने कहा है कि रामभद्राचार्य ने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव व बसपा संस्थापक कांशीराम का अपमान किया है।
Rambhadracharya: चित्रकूट स्थित तुलसी पीठ के पीठाधीश्वर और जगदगुरू स्वामी रामभद्राचार्य के खिलाफ सपाइयों ने आगरा में तहरीर दी है। दरअसल, रामभद्राचार्य ने एक बयान देते हुए कहा है कि 'मरे मुलायम कांशीराम फिर से बोलो जय श्री राम'। रामभद्राचार्य के बयान पर सपाइयों व बसपाइयों में आक्रोश है, सपाइयों ने आगरा के सदर थाना ने तहरीर दी है। उन्होने कहा है कि रामभद्राचार्य ने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव व बसपा संस्थापक कांशीराम का अपमान किया है। इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जाए, साथ ही इन्हे जो पदम विभूषण ने नवाजा गया है वो सम्मान भी वापस होना चाहिए। पूर्व जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में थाना सदर में तहरीर दी गई है।
आगरा के कोठी मीना बाजार मैदान में राम कथा का वाचन कर रहे तुलसी पीठाधीश्वर श्री रामभद्राचार्य मुश्किल में पड़ते नजर आ रहे हैं। राम कथा के दौरान श्री रामभद्राचार्य ने स्वर्गीय मुलायम सिंह और स्वर्गीय कांशीराम का नाम लेकर मजाकिया लहजे में एक नारा सुनाया था। लेकिन ये बात सपा और बसपा के नेताओं को चुभ गई। सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रामगोपाल बघेल ने सदर थाने में श्री रामभद्राचार्य के खिलाफ तहरीर दी है। रामगोपाल बगजेल ने कथावाचक पद्मविभूषण श्री रामभद्राचार्य पर पदम विभूषण स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव और बसपा के संस्थापक मान्यवर कांशीराम का खुले धार्मिक मंच से अपमान करने का आरोप लगाया है। तहरीर में रामगोपाल बघेल ने 3 अप्रैल को चल रही राम कथा का हवाला दिया है। आरोप लगाया है कि राम भद्राचार्य ने अपनी वाणी से महापुरुषों का अपमान किया है। भगवान श्रीराम को राजनीति में घसीटने का प्रयास किया है। तहरीर हाथ मे आने के बाद पुलिस मामले में जांच कर कार्रवाई करने की बात कह रही है।
शिकायतकर्ता रामगोपाल बघेल का कहना है कि 5 अप्रैल को कथा वाचक श्रीरामभद्राचार्य ने 'मरे मुलायम कांशीराम जोर से बोलो जय श्रीराम' का बयान दिया है। इस बयान से उनके समर्थकों का गहरा आघात पहुंचा है। तहरीर के साथ सपाइयों ने प्रभारी निरीक्षक सदर को पेन ड्राइव में बयान की कॉपी भी दी है। रामगोपाल बघेल ने बयान को द्वेष भावना फैलाने वाला बताया है। श्री रामभद्राचार्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग है। रामगोपाल बघेल ने कहा कि राम कथा के मंच से इस तरह का बयान देने पर पद्मविभूषण वापस लेने की कार्रवाई की जानी चाहिए। सपा कार्यकर्ता इसकी मांग करते हैं।
निकाय चुनाव से ठीक पहले मिले बड़े मौके को भुनाने में लगे नेता
पद्मविभूषण श्रीरामभद्राचार्य के बयान के पर सपा और बसपा नेताओ ने नारागजी जाहिर की है। सदर थाने पहुँचकर पुलिस को तहरीर दे दी है। मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर सपा और बसपा नेता एकजुट हो रहे है। ऐसे में अगर दोनों दलों के स्थानीय नेता अगर इस मुद्दे पर एकसाथ आ गए तो इसका बड़ा असर निकाय चुनाव पर भी पड़ सकता है। आगरा के 100 वार्डो में बसपा दूसरे नंबर पर मजबूत स्थिति में रही है। ऐसे में ये गठजोड़ अगर चुनावी मैदान में भी काम कर गया तो भाजपा की चुनावी गणित भी बिगड़ सकती है।