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इनसे मिलिए ये हैं प्रियंका भारती, स्वच्छता की रबर स्टैंप ‘ब्रांड एम्बेस्डर’
गोरखपुर मंडल मुख्यालय से 32 किलोमीटर दूर छपिया बाजार का विशुनपुर खुर्द गांव। इसी गांव में शादी हो कर आयी थी प्रियंका जो टॉयलेट के लिए ससुराल छोड़ कर मायके लौट आयी थी।
पूर्णिमा श्रीवास्तव
गोरखपुर: गोरखपुर मंडल मुख्यालय से 32 किलोमीटर दूर छपिया बाजार का विशुनपुर खुर्द गांव। इसी गांव में शादी हो कर आयी थी प्रियंका जो टॉयलेट के लिए ससुराल छोड़ कर मायके लौट आयी थी। प्रियंका को जिसे महराजगंज और बस्ती जिला प्रशासन ने स्वच्छता अभियान का ब्रांड एम्बेस्डर बनाया था और सुलभ इंटरनेशनल के कर्ताधर्ता बिंदेश्वरी पाठक ने 2 लाख रुपये का चेक दिया था। प्रियंका अभिनेत्री विद्या बालन के साथ टॉयलेट का संदेश देते विज्ञापनों में दिखती है। अब प्रियंका को ‘टॉयलेट-एक प्रेम कथा’ फिल्म के प्रमोशन के लिए अक्षय कुमार का न्योता मिला है। अक्षय कुमार और फिल्म के निर्माता का दावा है कि यह फिल्म प्रियंका से प्रेरित है।
हकीकत तो कुछ और है
प्रियंका और उसके परिवार की वाहवाही भले ही कागजों में सुनहरी दिख रही हो लेकिन स्वच्छता की ‘ब्रांड एम्बेस्डर’ की दुनिया अंधेरे में नजर आ रही है। रुपहले पर्दे से लेकर अखबारों की सुर्खियों से अलग प्रियंका अपने पति अमरजीत और दो बच्चों के साथ दुश्वारियों के बीच जिंदगी की गाड़ी खींच रही है। प्रियंका और उसका पति दोनों ग्रेजुएट हैं। अमरजीत मनरेगा मजदूर है। बच्चों की पढ़ाई के लिए प्रियंका दो साल पहने गांव से निकलकर परतावल कस्बे में आ गई थी।
लेकिन रोजगार नहीं मिलने से फिर गांव लौट आयी। उसका बेटा अमन पांच साल का व बेटी पल्लवी सात महीने की है। प्रियंका कहती है कि सिर्फ नाम मिला, सुलभ इंटरनेशनल को छोड़ कर कोई आर्थिक मदद नहीं मिली। जिला प्रशासन ने सिर्फ स्वच्छता अभियान का ब्रांड एम्बेस्डर घोषित कर दिया। सुविधा कुछ नहीं दी। हम जितना संभव है खुद लोगों को खुले में शौच के खिलाफ जागरूक करते हैं। पति अमरजीत भी मनरेगा मजदूर बन चुके हैं। वह कहते हैं कि गांव में छोटी सी जमीन है। खेती से परिवार चलाना मुश्किल है।
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भूल गया प्रशासन
महराजगंज के डीएम वीरेन्द्र कुमार सिंह और डीपीआरओ मनोज त्यागी तो पूरे प्रकरण से अनभिज्ञ हैं। डीएम का कहना है कि प्रियंका को ब्रांड एम्बेस्डर बनाने को लेकर कोई लिखित दस्तावेज नहीं मिला है। जिसके आधार पर प्रियंका को मदद दी जा सके। वहीं डीपीआरओ मनोज त्यागी भी रटा रटाया जवाब देते हैं कि शासन से कोई आदेश मिलेगा तो प्रियंका भारती को स्वच्छता जागरूकता अभियान में शामिल करेंगे।
पति अमरजीत, बेटा अमन और बेटी पल्लवी के साथ प्रियंका
महराजगंज जिले के ग्राम कंचनपुर कुईयां निवासी मुद्रिका प्रसाद की बेटी प्रियंका का गौना अप्रैल 2012 में परतावल ब्लाक के विशुनपुर खुर्द गांव में अमरजीत के साथ हुआ था। ससुराल पहुंची प्रियंका घर में टॉयलेट नहीं होने के बाद दूसरे दिन ही मायके लौट आई थी। उसने शर्त रखी कि ससुराल में जबतक शौचालय नहीं बनेगा तब तक वह नहीं लौटेगी। देश-दुनिया तक मामले की धमक पहुंची और प्रियंका रातों रात ‘स्टार’ बन गई। चारों तरफ उसके बोल्ड कदम की प्रशंसा होने लगी।
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महराजगंज की तत्कालीन जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल और साथ डीएम बस्ती ने तेजी दिखाते हुए प्रियंका को स्वच्छता कार्यक्रमों की ब्रांड एम्बेस्डर बनाने की घोषणा कर दी। सुलभ इंटरनेशनल के मुखिया बिंदेश्वरी पाठक ने प्रियंका भारती और उसके जैसा ही साहस दिखाने वाली कुशीनगर की प्रियंका राजभर व सिद्र्घाथनगर की ज्योति को दो-दो लाख का पुरस्कार देने की घोषणा की। प्रियंका की ससुराल पहुंचे पाठक ने जून 2012 में तीनों बहुओं को दो-दो लाख का चेक दिया। प्रियंका के गांव को खुले में शौच मुक्त होने के लिए 25 लाख रुपये का चेक दिया गया था।