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खलिहान में अरहर पीटते दिखे पूर्व माननीय विधायक बंशीधर बौद्ध, रह चुके हैं राज्यमंत्री

वक्त हमेशा एक जैसा नहीं रहता। इस बात का जीता जगता उदहारण हैं बहराइच के वो विधायक जो पहले जनता के लिए हांफते थे, लेकिन विधानसभा चुनाव में करारी

tiwarishalini
Published on: 20 Jun 2017 6:48 AM GMT
खलिहान में अरहर पीटते दिखे पूर्व माननीय विधायक बंशीधर बौद्ध, रह चुके हैं राज्यमंत्री
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बहराइच: वक्त हमेशा एक जैसा नहीं रहता। इस बात का जीता जगता उदहारण हैं बहराइच के वो विधायक जो पहले जनता के लिए हांफते थे, लेकिन विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त मिलने के बाद फिर माटी से नाता जोड़ लिया। हम बात कर रहे हैं सपा विधायक बंशीधर बौद्ध की।

अब परिवार के लिए खेत और खलिहान में पसीना बहा रहे हैं। विधायकी गई तो पूर्व विधायक वनग्राम नईबस्ती में स्थित अपने घर के निकट स्थित खलिहान में अरहर पीटते दिखे। उत्सुकतावश पूर्व माननीय से खलिहान में काम करने के बाबत सवाल किया गया तो बोले माटी से जुड़ा हूं। माटी को कैसे विसराऊं। जनता का चौकीदार था, तब जनता के लिए हांफता था। अब परिवार के लिए पसीना बहा रहा हूं। जनता के लिए मेरे घर का किवाड़ सदा खुला है।

बलहा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014 में उपचुनाव हुआ था। यह सीट भाजपा के पास थी। लेकिन सपा के टिकट से चुनाव मैदान में उतरे बंशीधर बौद्ध ने जिंदगी के संघर्षों के बीच भाजपा से सीट छीन ली थी। वह पहली बार सदन पहुंचे।

- बंशीधर चर्चा में तब आए, जब मीडिया ने बंशीधर बौद्ध को विधायक होने के बाद खेतों में काम करते हुए जनता के सामने प्रस्तुत किया।

- इसका नतीजा यह रहा कि बंशीधर राज्यमंत्री तक का सफर तय करने में सफल रहे। - समाज कल्याण जैसे महत्वपूर्ण विभाग को संभाला। लेकिन विधानसभा चुनाव 2017 में वह अपनी कुर्सी नहीं बचा पाए।

- ऐसे में सदन से घर लौटे बंशीधर बौद्ध ने फिर खेत खलिहान को संभालना बेहतर समझा।

- नईबस्ती गांव में अपने घर के सामने लगे खलिहान में पूर्व एमएलए बंशीधर अरहर पीटते दिखे।

- जो भी निकलता, चौंक पड़ता। मीडिया ने अरहर पीट रहे पूर्व विधायक की तस्वीरों को कैद किया।

- इस मौके पर पूर्व विधायक बंशीधर ने कहा कि मैं मिट्टी से जुड़ा हूं।इसको नहीं छोड़ पाऊंगा।

- जनता के लिए घर के द्वार सदा खुले हैं। विधायक नहीं हूं तो क्या हुआ, लोगों की मुसीबत पर साथ रहता हूं।

साइकिल का पंक्चर बनाते थे

पूर्व मंत्री बंशीधर बौद्ध घर के सामने पहले पंक्चर की दुकान चलाते थे। इसके बाद सेंट्रल स्टेट फार्म में चौकीदार की नौकरी की। इसके साथ ही गांव में चल रहे अखाड़े में पहलवानी के दांव पेंच दिखाए। इसके साथ ही बसपा में कैडर की राजनीति शुरू की।

चुने गए जिला पंचायत सदस्य

बंशीधर बताते हैं कि वर्ष 2000 में बसपा की राजनीति करते हुए उन्होंने जिला पंचायत सदस्य पद के चुनाव में भाग्य अजमाया। किस्मत ने साथ दिया और वो पंचायत सदस्य चुने गए। 2005 में वो दोबारा जिला पंचायत सदस्य बने और 2014 में एमएलए चुनकर सदन पहुंचे। राज्यमंत्री का ओहदा हासिल किया।

बेटे अभी भी हैं बेरोजगार, बहू है पंचायत मित्र

जिला पंचायत सदस्य से राज्यमंत्री तक का सफर कर चुके बंशीधर बौद्ध के पांच बेटे और चार बेटियां हैं।उनकी एक बहू पंचायत मित्र है। अन्य बेटे बेरोजगार हैं। खेती किसानी का ही भरोसा है। बंशीधर बौद्ध की छोटी बेटी की शादी पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उनके घर भी आए थे।

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Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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