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SPECIAL STORY : खुद बेजुबान लेकिन हुनर से डाली पत्‍थरों में जान

लखनऊ: आज हम आपको शहर की एक ऐसी आर्टिस्‍ट से रूबरू कराने जा रहे हैं, जो खुद बोल और सुन नहीं सकती हैं। लेकिन अपने हुनर से सड़क किनारे पड़े बेजान पत्‍थरों में ऐसी जान फूंक देती हैं कि वो बोलने लगते हैं। जो भी उनके हुनर को एक बार देखता है तो एकटक देखता ही रह जाता है।

tiwarishalini
Published on: 16 March 2018 3:34 PM IST
SPECIAL STORY :  खुद बेजुबान लेकिन हुनर से डाली पत्‍थरों में जान
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Sudhanshu Saxena

लखनऊ: आज हम आपको शहर की एक ऐसी आर्टिस्‍ट से रूबरू कराने जा रहे हैं, जो खुद बोल और सुन नहीं सकती हैं। लेकिन अपने हुनर से सड़क किनारे पड़े बेजान पत्‍थरों में ऐसी जान फूंक देती हैं कि वो बोलने लगते हैं। जो भी उनके हुनर को एक बार देखता है तो एकटक देखता ही रह जाता है।

आशुतोष त्रिपाठी

हम बात कर रहे हैं लखनऊ में रहने वाली नेहा कौल की जो खुद तो बोल और सुन नहीं सकती हैं लेकिन उनका हुनर ही उनका बखान करने के लिए काफी है। न्‍यूजट्रैक डॉट कॉम ने नेहा कौल से खास मुलाकात की और उनकी कला को करीब से देखा। इनके बारे में सबसे खास बात ये है कि इनके हुनर को आगे बढ़ाने के लिए इनकी सास लक्ष्‍मी कौल ने मोर्चा संभाला है और वह जी जान से अपनी हुनरमंद बहू की इस कला को एक पहचान दिलाने की कोशिश करती रहती हैं।

आंखों के एक्‍सप्रेशन की हैं महारथी

नेहा कौल की सास लक्ष्‍मी कौल ने बताया कि नेहा को बचपन से ही पेंटिंग और आर्ट का शौक था। नेहा अपने सामने खड़े किसी भी व्‍यक्ति की हूबहू तस्‍वीर बनाकर उसमें रंग भर सकती हैं। इतना ही नहीं एक ही आदमी की तस्‍वीर की आंखों में अलग अलग एक्‍सप्रेशन बना सकती हैं। उनकी हर तस्‍वीर और पेंटिंग बोलती सी लगती है।

वह स्‍टोन आर्ट से लेकर ऑयल पेंटिंग, ग्‍लास पेंटिंस की महारथी हैं। उनकी प्रतिभा से प्रभावित होकर लोग उन्‍हें अपनी फैमिली फोटो की स्‍कैच के साथ ही साथ अलग अलग पेंटिंग और आर्ट वर्क के लिए संपर्क करते रहते हैं।

मुंबई के म्‍यूजिम के लिए बनाई स्‍पेशल पेंटिंग

नवाबी नगरी की बहू नेहा कौल का हुनर अब दूरियों का मोहताज नहीं रहा। मुंबई में बन रहे सरमया म्‍यूजियम से उन्‍हें मुगल काल के 20 शासकों की ऑयल पेंटिंग बनाने का आर्डर मिला था, जिसे उन्‍होंने पूरा करके मुंबई भेज दिया है। जल्‍द ही उनकी ये स्‍पेशल पेंटिंग मुंबई के म्‍यूजियम की शान बनेंगी। नेहा का स्‍पेशलाइजेशन पोट्रेट और स्‍टोन पेंटिंग में है।

शादी बाद सास ने कराया एमएफए का कोर्स

नेहा कौल मूल रूप से फरूर्खाबाद की रहने वाली हैं। उन्‍होंने वाणी विकास केंद्र में कक्षा 5 तक की पढ़ाई की है। इसके बाद फरूर्खाबाद के नार्मल स्‍कूल में अपनी 12 वीं तक की पढाई यूपी बोर्ड से पूरी की। इसके बाद उन्‍होंने चित्रकूट की राम भद्राचार्य यूनिवर्सिटी से बीएफए का कोर्स किया। यहीं उनकी पहली मुलाकात अपने जीवनसाथी कार्तिक से हुई। हालांकि पहले ये सिर्फ सीनियर और जूनियर थे।

बाद में जब नेहा लखनऊ स्थित के के एकेडमी में अपने रिश्‍तेदार से मिलने आईं। तो कार्तिक और नेहा की दुबारा मुलाकात हुई। और बाद में कार्तिक और नेहा एक दूजे संग जीवन की डोर में हमेशा के लिए बंध गए। इसके बाद नेहा की सास लक्ष्‍मी कौल ने उन्‍हें लखनऊ यूनिवर्सिटी से मास्‍टर ऑफ फाइन आर्टस का कोर्स करवाया। अब नेहा अपनी प्रतिभा के जरिए नाम कमा रही हैं।

हर दिन 5 घंटे नेहा करती हैं आर्टवर्क

लक्ष्‍मी कौल ने बताया कि नेहा की आर्ट का कार्तिक और वह खुद बहुत सम्‍मान करते हैं। हमें बहुत अच्‍छा लगता है जब नेहा आर्टवर्क में बिजी होती हैं। वह एक अच्‍छी बहू होने के साथ साथ एक अच्‍छी आर्टिस्‍ट हैं। इसलिए दिनचर्या में उन्‍हें हर दिन कम से कम 5 घंटे अपने हुनर को देने के लिए हम लोग प्रेरित करते हैं। नेहा अपनी पेंटिंग और आर्ट वर्क की सनतकदा और ललित कला अकादमी में प्रदर्शनी लगाती रहती हैं।

हमारा एक ही सपना है कि नेहा के हुनर को पूरे विश्‍व में पहचान मिले। पति कार्तिक भी हियरिंग इंपेयर्ड होने के बावजूद इंडसइंड बैंक में बतौर डिप्‍टी मैनेजर कार्यरत हैं और आफिस के बाद वह घर पर नेहा को उनके आर्टवर्क को सपोर्ट करते हैं।

PHOTO CREDIT: ASHUTOSH TRIPATHI



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tiwarishalini

tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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