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राष्ट्रमंडल खेल घोटाले में फंसे भटनागर

raghvendra
Published on: 17 Aug 2018 7:10 AM GMT
राष्ट्रमंडल खेल घोटाले में फंसे भटनागर
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योगेश मिश्र

लखनऊ: प्रदेश के मुख्य सचिव रहे राहुल भटनागर भले ही रिवर फ्रंट घोटाले की जांच से बच निकलने में कामयाब हो गए हों, लेकिन राष्ट्रमंडल खेल घोटाले के जांच की आंच जल्द ही उन तक पहुंचने वाली है। जांच एजेंसी सीबीआई ने राहुल भटनागर को 120 बी का दोषी पाया है। इस धारा के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराएं जुड़ जाती हैं। राष्ट्रमंडल आयोजन के समय राहुल भटनागर खेल मंत्रालय में संयुक्त सचिव थे।

अखिलेश यादव के कार्यकाल में लखनऊ के गोमती तट पर रिवर फ्रंट निर्माण की जांच नई सरकार के गठन के बाद शुरू हुई। उस समय राहुल भटनागर प्रदेश के मुख्य सचिव थे। रिवर फ्रंट में पहली जांच पूर्व न्यायाधीश आलोक सिंह कमेटी ने की। इस जांच में मुख्य सचिव और योजना की वित्तीय स्वीकृति करते समय प्रमुख सचिव वित्त के पद पर तैनात राहुल भटनागर को क्लीन चिट दे दी गई। जबकि आलोक सिंह कमेटी ने लिखा कि मुख्य सचिव के पद पर राहुल भटनागर के पहले रहे आलोक रंजन के खिलाफ पर्यवेक्षणीय शिथिलता बरतने के साक्ष्य मिले हैं। तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की स्वप्निल परियोजनाओं की मानिटरिंग का जिम्मा मुख्य सचिव का होता है।

दाखिल दफ्तर कर दी गयी सिफारिश

गौरतलब है कि इस परियोजना की व्यय वित्त समिति की अध्यक्षता भी राहुल भटनागर ने की थी, लेकिन बाद में आलोक सिंह कमेटी की रिपोर्ट के बाद राज्य सरकार ने नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना की अगुवाई में एक मंत्रिमंडलीय कमेटी बनाई जिसका काम आलोक सिंह की जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई के लिए सिफारिश करना था। इसमें वरिष्ठ आईएएस अफसर और राजस्व परिषद के अध्यक्ष प्रवीर कुमार और इन दिनों के मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे भी सदस्य थे। इस कमेटी ने राहुल भटनागर को भी आलोक रंजन की तरह ही पर्यवेक्षणीय शिथिलता का जिम्मेदार माना था, पर नियुक्ति महकमे में उन दिनों तैनात प्रमुख सचिव की अनुकंपा से यह सिफारिश दाखिल दफ्तर कर दी गई।

रिवर फ्रंट मामले की जद में भी आएंगे

राज्य सरकार ने रिवर फ्रंट मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की। सीबीआई जांच शुरू हो गई है। सूत्रों की मानें तो इस जांच की जद में राहुल भटनागर आने से नहीं बच सकते हैं क्योंकि वे दो भूमिकाओं में थे। जिस आधार पर आलोक सिंह कमेटी ने आलोक रंजन को जिम्मेदार ठहराया था वह आधार राहुल भटनागर पर भी लागू होता है। उधर राष्ट्रमंडल खेलों में भले ही कलमांडी और कई लोग जेल काट चुके हों और राहुल भटनागर को अब तक राहत मिली हो, लेकिन अब उनके खिलाफ अभियोजन की तैयारी में सीबीआई जुट गई है। सीबीआई ने राष्ट्रमंडल खेल मामले में उन्हें 120 बी का दोषी पाया है। राहुल भटनागर 1983 बैच के यूपी काडर के आईएएस अफसर हैं। इस समय राहुल भटनागर केंद्र में खेल मंत्रालय में सचिव के पद पर तैनात हैं।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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