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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव: झांकी में झलका एक देश, एक विधान व एक झण्डा

श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर सजाई गई झांकियों मे अनुच्छेद 370 का असर देखने को मिला रहा है। सैकड़ों वर्ष पुराने श्री सनातनधर्म मंदिर में भव्य झांकियों को सजाया गया है।

Aditya Mishra
Published on: 24 Aug 2019 2:42 PM GMT
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव: झांकी में झलका एक देश, एक विधान व एक झण्डा
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कानपुर: श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर सजाई गई झांकियों मे अनुच्छेद 370 का असर देखने को मिला रहा है। सैकड़ों वर्ष पुराने श्री सनातनधर्म मंदिर में भव्य झांकियों को सजाया गया है।

जिसमें अनुच्छेद 370 पर सजाई गई झांकी ने सभी का ध्यान आकर्षित किया है। जिसे कई स्कूल के बच्चे भी देखने के लिए पहुंचे। इस झांकी में कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक भारत को दर्शाया गया है। जो एकता और अखड़ता का संदेश दे रही है।

सनातन धर्म मंदिर की झांकियां आजादी के पहले से अकार्षण का केंद्र रही है। अजादी से पहले भी इस मंदिर में गुलामी में जकड़ी भारत माता की प्रतिमा को दिखाया जा चुका है। इसी तरह देश के वर्तमान हालातों पर एक झांकी जरूर सजाई थी। जिसे देखने के लिए लाखों लोग आते है ।

श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर मंदिर प्रबंधन की तरफ से अनुच्छेद 370 पर झांकी सजाने पर विचार किया गया था। झांकी में जम्मू कश्मीर के लाल चैक पर राष्ट्रीय ध्वज को फहराया कर दिखाया गया है।

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विशालकाय नक्शे की बनाई गई झांकी

जम्मू से कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत के विशालकाय नक्शे की झांकी बनाई गई है। जिसका उद्देश्य है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद अब भारत का नक्शा पूरा हुआ है।

सनातन धर्म मंदिर के प्रबंधक कुंजबिहारी के मुताबिक इस मंदिर में सन 1950 से पहले से झांकियां सजाई जा रही है। सन् 1976 से मुझे इस मंदिर से जुड़ने का मौका मिला है।

प्रति वर्ष झांकियों में वृद्धि की जाती है और भगवान के नए चरित्र का चित्रण किया जाता है। इस वर्ष भी कुछ झांकिया नई है। एक झांकी गणेश परिक्रमा की एक अहिल्या उद्धार की है।

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हमारी एक झांकी विशेष रूप से समसमायिक विषयों पर होती है जो जागरूकता लाती है। इस वर्ष कश्मीर का एक बहुत महत्वपूर्ण परिवर्तन हमारे देश में आया है। अभी तक नारा था कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है।

अनुच्छेद 370 हटने से सपना हुआ साकार

अनुच्छेद 370 हटने से हमारा सपना साकार हुआ है। अनुच्छेद 370 और 35 (ए) समाप्त होने से श्रीनगर में जो लाल चौक है। वहां पर तिरंगा फैराने के लिए डाॅक्टर मुरली मनोहर जोशी और प्रधानमंत्री को अंदोलन करना पड़ा था।

इस स्वतंत्र रूप से लाल चौक पर तिरंगा भारत की असमीयता का प्रतीक फैराया गया। उसको एक झांकी के माध्यम से हमने दर्शया है। ये झांकी ये संदेश दे रही है कि कश्मीर अब हमारे स्तर से हमारे साथ है।

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Aditya Mishra

Aditya Mishra

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