Ajay Mishra Teni News: अजय मिश्रा टेनी SSB के कार्यक्रम में नहीं पहुंचे, इस्तीफे को लेकर विपक्ष ने बढ़ाया दबाव

एसएसबी के 58वें स्थापना दिवस के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आज टेनी को आमंत्रित किया गया था, मगर उन्होंने इस कार्यक्रम से किनारा कर लिया।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Vidushi Mishra
Published on: 20 Dec 2021 2:18 PM GMT
File photo of ajay mishra teni
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फाइल फोटो अजय मिश्रा टेनी (सोर्स-सोशव मीडिया)

Ajay Mishra Teni : विपक्ष के लगातार निशाने पर चल रहे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) आज सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के आयोजन में हिस्सा लेने के लिए नहीं पहुंचे। लखीमपुर खीरी हिंसा मामले को लेकर विपक्ष ने टेनी के इस्तीफे की मांग (ajay mishra teni ke istife ki maang) को लेकर दबाव बढ़ा दिया है। टेनी के इस्तीफे की मांग को लेकर संसद में विपक्ष की ओर से जबर्दस्त घेरेबंदी की गई है।

एसएसबी के 58वें स्थापना दिवस (SSB Ka 58 sthaapana Divas) के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आज टेनी को आमंत्रित किया गया था, मगर उन्होंने इस कार्यक्रम से किनारा कर लिया। माना जा रहा है कि विपक्ष की ओर से बढ़ते दबाव के कारण ही टेनी (Ajay Mishra Teni) समारोह में हिस्सा लेने के लिए नहीं पहुंचे।

टेनी की जगह पहुंचे प्रमाणिक

एसएसबी के स्थापना दिवस (SSB Ka sthaapana Divas) कार्यक्रम में टेनी की जगह उनके साथ ही मंत्री निशित प्रमाणिक हिस्सा लेने के लिए पहुंचे। इस समारोह में मीडिया को एंट्री की अनुमति नहीं दी गई थी। इसलिए प्रमाणिक से भी इस बाबत कोई सवाल नहीं किए जा सके।

मीडिया ने भी इस कार्यक्रम पर नजरें गड़ा रखी थीं कि विपक्ष के निशाने पर आए टेनी कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पहुंचते हैं या नहीं। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी इस बाबत ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया। प्रवक्ता ने सिर्फ इतना ही कहा कि जरूरी काम होने की वजह से टेनी एसएसबी के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए नहीं पहुंचे।


संसद में विपक्ष का हंगामा जारी

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान दोनों सदनों में टेनी के इस्तीफे (ajay mishra teni ke istife ki maang) की मांग को लेकर जबर्दस्त हंगामा चल रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्षी दलों के अन्य नेताओं ने भी टेनी को तत्काल पद से हटाने की मांग की है। उत्तर प्रदेश में भी लगातार इस मांग को लेकर सरकार की घेराबंदी की जा रही है।

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी पहले ही खारिज की जा चुकी है। आशीष मिश्रा और उसके साथियों पर आंदोलनकारी चार किसानों और एक पत्रकार को कुचलकर मारने का आरोप है। इस घटना के बाद किसानों ने उग्र रुख अपना लिया था और किसानों की भीड़ की पिटाई से तीन लोगों की मौत हो गई थी। भीड़ के गुस्से का शिकार हुए तीनों लोग भाजपा के कार्यकर्ता बताए जा रहे हैं।

एसआईटी की रिपोर्ट से बढ़ा दबाव

इस मामले की जांच कर रही एसआईटी की रिपोर्ट से आशीष मिश्रा पर शिकंजा और कस गया है। एसआईटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह घटना आकस्मिक रूप से नहीं घटी थी बल्कि सोची समझी साजिश के तहत इस घटना को अंजाम दिया गया था।

एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद विपक्ष ने सरकार पर हमले और तेज कर दिए हैं। पिछले दिनों लखीमपुर में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे टेनी पत्रकारों की ओर से सवाल पूछे जाने पर भड़क गए थे और उन्होंने मीडिया के साथ दुर्व्यवहार भी किया था।

इसके बावजूद सरकार की ओर से टेनी को हटाए जाने के संबंध में अभी तक कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया गया है। वैसे जानकारों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अभी टेनी को पद से हटाए जाने के आसार नहीं हैं। टेनी की ओर से लगातार इस बात की दलील दी जा रही है कि मीडिया की ओर से एक बेगुनाह को झूठे मामले में फंसा दिया गया है। लखीमपुर की घटना के बाद टेनी लगातार अपने बेटे आशीष मिश्रा को बेकसूर बताते रहे हैं।

Vidushi Mishra

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