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राज्य कर्मचारी फैमिली बाजार में 20 प्रतिशत छूट देने की मांग
छूट के नाम पर राज्य कर्मचारियों से हो रहा धोखा: सुरेश सिंह यादव
लखनऊः उत्तर प्रदेश चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंध के उप महामंत्री सुरेश सिंह यादव ने राज्य कर्मचारी कल्याण निगम के माध्यम से चलाए जा रहे फैमिली बाजार और कर्मचारी कल्याण निगम कैन्टिनों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि इनके बोर्ड पर कर्मचारियों के लिए छूट का बोर्ड लगाकर धोखा दिया जा रहा है।
उनका कहना है कि इन कैन्टिनों और फैमली बाजार से ज्यादा छूट तो आम दूकानों पर मिल रही है। अन्य बाजारों पर बीस बीस प्रतिशत तक छूट मिल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों के खोले गए फैमली बाजारों और कर्मचारी निगम की कैन्टिन में कर्मचारियों को बीस प्रतिशत की छूट निर्धारित करें।
उन्होंने कहा कि ऐसा न किया गया तो फैमली बाजार और कर्मचारी कैन्टिन से कर्मचारी खरीददारी बंद कर देगे और कैन्टिन, फैमली बाजार का किराया खर्च और कर्मचारियों का वेतन राज्य सरकार पर आर्थिक बोझ बन जाएगा।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश कर्मचारी कल्याण निगम के नाम पर पॉलिटेक्निक लखनऊ पर कर्मचारियों से राज्य कर्मचारी कल्याण निगम के नाम से करोड़ों की लूट की जा रही। उन्होंने कहा कि राज्य कर्मचारी कल्याण निगम द्वारा पालीटेक्निक पर जीएसटी की 20 परसेंट की छूट होना चाहिए। लेकिन फर्जी बोर्ड लगाकर कर्मचारी समाज के या उनके परिवार के लोगों से 9 परसेंट और 10 प्रतिशत की छूट देकर और जीएसटी सहित सामानों पर सूली की जा रही है।
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उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ का उप महामंत्री होने के नाते कुछ सामान खरीदने के लिए वहां पर गया वहां के कर्ताधर्ता श्री श्रीवास्तव से जब बिल प्राप्त किए करने पर मुझे जानकारी दी गई कि जीएसटी पर 20 परसेंट कर्मचारियों को छूट क्यों नहीं दी जा रही है। जबकि आप द्वारा राज्य कर्मचारी कल्याण निगम का बोर्ड इस पर लगाए हैं जिससे कर्मचारी समाज के लोग छूट के नाम पर सामान खरीदना खरीदने आते हैं लेकिन जब बिल मिलता है तो पता चलता है कि आम दूकानों से भी कम छूट मिली।
श्री श्रीवास्तव ने बताया कि अभी बीस प्रतिशत छूट उसको मंजूरी नहीं मिल पाई है जिसके कारण कर्मचारियों को कोई छूट नहीं दे पा रहे हैं लेकिन इससे साबित हुआ है कि सरकार के नाम पर फर्जी बोर्ड लगाकर कर्मचारी समाज के लोगों से जीएसटी सहित भारी पैमाने करोड़ों रुपया बसूली की जा रही।
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