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Prayagraj : निरंजनी अखाड़े के संतों को जहर देकर मारने की साजिश ! शख्स ने आश्रम में की थी रेकी, STF कर रही पूछताछ
Prayagraj News: निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर तथा स्वामी कैलाशानंद सहित कई अन्य संतों को जहर देकर हत्या की साजिश रचने के आरोप में एक शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
Prayagraj News: यूपी के संगम नगरी प्रयागराज में पुलिस ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जिस पर गंभीर आरोप हैं। आरोपी पर निरंजनी अखाड़े (Niranjani Akhara) के आचार्य महामंडलेश्वर (Acharya Mahamandaleshwar) और स्वामी कैलाशानंद (Swami Kailashanand) सहित कई संतों को जहर देकर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगा है। यूपी पुलिस और STF आरोपी शख्स से पूछताछ कर रही है। आपको बता दें, महिला संत त्रिकाल भवंता (Saint Trikal Bhavanta) ने प्रयागराज पुलिस के पास इस व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था।
महिला संत त्रिकाल भवंता ने आरोप लगाया कि आश्रम में शनिवार को विक्रम सिंह उर्फ योगेंद्र शर्मा नाम का एक युवक पहुंचा। उसने उन्हें बताया कि 1 जनवरी को हरिद्वार स्थित निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद के सम्मान में होने वाले भोज में जहर मिलाया जाएगा। स्वामी कैलाशानंद सहित अन्य संतों को मारने की साजिश सुन महिला संत चौकन्ना हो गईं। अब UP STF और पुलिस टीम आरोपी व्यक्ति से पूछताछ कर रही है।
क्या है मामला?
महिला संत त्रिकाल भवंता का आरोप है कि आश्रम में शनिवार को विक्रम सिंह उर्फ योगेंद्र शर्मा नाम का एक शख्स पहुंचा था। उसने त्रिकाल भवंता को बताया कि, 1 जनवरी को हरिद्वार में निरंजनी अखाड़े (Niranjani Akhara Haridwar) के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद के सम्मान में एक समारोह का आयोजन हो रहा है। जिसमें भोज भी होगा। वह उस भोजन में जहर देकर स्वामी कैलाशानंद सहित अन्य संतों को मार डालेगा। त्रिकाल भवंता ने इसकी शिकायत प्रयागराज पुलिस से की। जिसके बाद आरोपी शख्स से पूछताछ की जा रही है।
...तो इसलिए संतों की करना चाहता है हत्या
त्रिकाल भवंता ने ये भी बताया कि, युवक ने उन्हें बताया था कि उससे नौकरी के नाम पर 20 लाख रुपए वसूले गए थे। पैसे लेने के बाद न तो उसे नौकरी मिली और न ही पैसे वापस किए गए। इसी का बदला लेने के लिए वह स्वामी कैलाशानंद की हत्या करना चाहता है। आरोपी शख्स ने महिला संत को ये भी बताया कि वह रेकी के लिए 29 नवंबर को हरिद्वार में स्वामी कैलाशानंद के आश्रम भी गया था। आश्रम की रेकी की। वहां उसने 4 घंटे बिताए। रेकी के दौरान उसने अपना नाम और पता गलत दर्ज करवाया था।
क्या कहना है प्रयागराज पुलिस का?
इस मामले में प्रयागराज पुलिस मामले की जांच में जुटी है। इसके अलावा, उत्तराखंड के हरिद्वार में पुलिस अधिकारियों और स्वामी कैलाशानंद को भी संदिग्ध की गिरफ्तारी की जानकारी दे गई है। इस मामले में प्रयागराज के करछना एसीपी अजीत सिंह चौहान (Karchhana ACP Ajit Singh Chauhan) ने दावा पेश किया है कि पकड़ा गया युवक शुरुआती पूछताछ के बाद ठग प्रतीत हो रहा है। एसीपी का कहना है कि शायद वह सनसनी फैलाने के मकसद से ऐसे बयान दे रहा है। पुलिस को लगता है आरोपी साध्वी त्रिकाल भवंता से रुपए ऐंठने की फिराक में था।