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कहानी गरीब दम्पति की..निजी अस्पताल ने बना दिया कर्ज़दार...आयुष्मान ने दी जिंदगी
मऊः निजी चिकित्सालयों में इलाज में आये अधिक खर्च से टूट चुके गरीब परिवार भग्गन और उसकी पत्नी रामरती को आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सहारा मिला है| भग्गन की पत्नी रामरती को डायबिटीस की वजह से पैरों की उँगलियाँ में घाव हो गया था, जिस वजह से उनका चलना-फिरना बंद हो गया था| जिसका कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत जिला अस्पताल में निःशुल्क ऑपरेशन किया गया|
सराय लखंसी के अंतर्गत कहिनौर गांव के रहने वाले भग्गन जिनकी उम्र लगभग 65 साल है, और वो मजदूरी करके अपना जीवन यापन करते है| पत्नी रामरती जिनकी उम्र लगभग 60 वर्ष है इनके पैरों में इंफेक्शन के कारण घाव हो गया था उनका इलाज शहर के एक निजी हॉस्पिटल में चल रहा था| इलाज में भग्गन के निजी चिकित्सालय में अधिक पैसे खर्च हो गए, लेकिन हॉस्पिटल के डॉक्टर ने यह कहते हुए मना कर दिया कि अब यह ठीक नहीं हो सकती है और उन्हें वहां से रेफर कर दिया|
इसके बाद गाँव के पूर्व प्रधान के संपर्क में आने से भग्गन और उसके परिवार को आयुष्मान योजना के बारे में जानकारी मिली| और उन्होंने इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन किया| सारी प्रक्रिया होने के बाद भग्गन का नाम आयुष्मान योजना की लिस्ट में आ गया, जिसके बारे में भग्गन पूर्व में अवगत नहीं थे| इसके बाद जिला अस्पताल में निःशुल्क ऑपरेशन किया गया| डॉक्टर ने बताया कि रामरती के पैरों की उंगलियां इंफेक्शन और डायबिटीज के कारण खराब हो चुकी थी| लेकिन अब वह पूरी तरह से स्वस्थ्य है|
रामरती के पति भग्गन ने बताया कि हम दो हफ्ते से अपनी पत्नी को लेकर यहाँ पर भर्ती हैं पर मेरा एक भी पैसा खर्च नही हुआ सारा इलाज खर्च सरकार दे रही है, उन्होंने सरकार की इस योजना के लिए सराहना की|
मऊ सदर अस्पताल के आयुष्मान भारत मित्र मनोज ने बताया कि जिले में 23 सितंबर 2018 से शुरु हुयी इस योजना में अब तक 55 लोगों का रजिस्ट्रेशन किये जा चुके हैं, जिसमें से 29 लोगों को इस योजना का लाभ दिया जा चुका है| उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में अन्य जनपदों जैसे गाजीपुर, देवरिया, बलिया के लोग पहुंचकर इस योजना का लाभ उठा रहे हैं|
आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी एसडीएम अंकुर लाठर ने कहा कि अभी भी गाँव में इस योजना को लेकर जागरूकता का आभाव है, योजना के प्रचार-प्रसार के लिए जनांदोलन की अधिक आवश्यकता है|