Lucknow में Bade Mangal की कहानी, Hanuman से क्या है इसका संबंध

लखनऊ में हनुमान को पूजने के कई और भी कारण हैं। कहते हैं भगवान राम ने जब माता सीता को वनवास जाने को कहा था तब माता सीता के पुत्र हनुमान भी साथ हो लिए थे।

Ramkrishna Vajpei
Published By Ramkrishna Vajpei
Published on: 17 May 2022 2:39 PM GMT
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आज जेठ मास का पहला दिन और मंगलवार है। लखनऊ में जेठ मास के पांचों बड़े मंगल का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। भोर से ही लोग अपनी श्रद्धा आस्था और विश्वास के साथ राम को पाने के लिए हनुमान की भक्ति में जुट गए हैं। बड़े मंगल का पर्व भगवान राम की अवधपुरी में केवल लक्ष्मण की नगरी में मनाया जाता है। आज हम आपको बताएंगे इस पर्व की शुरुआत कब और कैसे हुई।

प्रचलित कहानियों पर जाएं तो सबसे प्रसिद्ध कथा अवध की आलिया बेगम की आती है जिसमें उन्होंने अलीगंज में संतान की प्राप्ति के लिए हनुमान मंदिर बनाया था जिसकी बुर्जी पर आज भी चांद दिखायी देता है। जो कि हिन्दू मुस्लिम एकता का पर्याय सदियों से बना हुआ है।

लेकिन लखनऊ में हनुमान को पूजने के कई और भी कारण हैं। कहते हैं भगवान राम ने जब माता सीता को वनवास जाने को कहा था तब माता सीता के पुत्र हनुमान भी साथ हो लिए थे।यह बात माता सीता और महाबली लक्ष्मण दोनो ही जानते थे कि हनुमान जी के साथ रहते माता सीता को वनवास भेजना संभव नहीं है। इसलिए लखनऊ में गोमती किनारे पहुंच कर तनिक विश्राम के बाद माता सीता ने हनुमान से कहा जब तक मै न लौटूं तुम यहां इंतजार करो।

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