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Sonbhadra News: फ्लोराइड के अभिशाप से मुक्ति की रणनीति, प्रत्येक गांव में दो युवक बनेंगे स्वयंसेवक
Sonbhadra News: फ्लोराइड जनित फ्लोरोसिस बीमारी से विकलांगता का अभिशाप झेल रहे कई गांवों के ग्रामीण ही अब इससे मुक्ति का रास्ता तलाशेंगे।
Sonbhadra News: फ्लोराइड जनित फ्लोरोसिस बीमारी से विकलांगता का अभिशाप झेल रहे कई गांवों के ग्रामीण ही अब इससे मुक्ति का रास्ता तलाशेंगे। इसके लिए जहां प्रत्येक गांव में दो युवक स्वयंसेवक की भूमिका में फ्लोराइड मुक्त जलस्रोत तलाशने और चिन्हित करने का काम करेंगे। वहीं, फ्लोराइड से दुष्प्रभाव से बचाव के लिए, इससे प्रभावित गांवों के ग्रामीणों को पौष्टिक और कैल्शियमयुक्त आहार के सेवन के प्रति जागरूक किया जाएगा। इसको लेकर बृहस्पतिवार को गोविंदपुर स्थित बनवासी सेवा आश्रम के बिचित्रा महाकक्ष में 11 ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों और प्रधानों ने बैठक कर रणनीति बनाई।
फ्लोराइड की समस्या और उसके निवारण विषय पर घंटे भर से अधिक समय तक चली चर्चा में लोक विज्ञान संस्थान देहरादून के पर्यावरण वैज्ञानिक डा. अनिल गौतम और आरोग्य केंद्र की डा विभा ने लोगों को फ्लोराइड से होने वाली फ्लोरोसिस नामक बीमारी की जानकारी दी। गोविंदपुर, कुस्महा गांव में दो वर्ष तक किए गए सर्वे से जुड़े अनुभव और पानी जांच की जानकारी दी गई। बताया गया कि पौष्टिक और कैल्सियम युक्त भोजन से काफी हद तक बीमारी से राहत मिल सकती है। नौनिहालों में तो 80 फीसदी तक हड्डियां काम करने लगती हैं। इस दौरान 11 गांव के प्रधानों ने अपनी पंचायतों में पानी जांच कराने हेतु दो-दो युवकों का चयन किया। निर्णय लिया कि गांव के फ्लोराइड मुक्त जल स्रोतों की पहचान कर शुद्ध पानी के सेवन के लिए लोगो को प्रेरित करेंगे।
वैज्ञानिकों का दावाः रिहंद जलाशय के पानी से बढ़ेगी बीमारी
ब्लॉक प्रमुख मान सिंह गोंड़, प्रधान संघ के अध्यक्ष प्रेमचंद सहित अन्य प्रधानों ने रिहंद जलाशय से पानी उठाकर हर घर नल जल योजना के तहत होने वाली आपूर्ति पर विरोध जताया। रिहद जलाशय से पानी आपूर्ति किए जाने का विरोध किया और कहा की पानी में फ्लोराइड के साथ मरकरी सहित भारी धातु है जो क्षेत्र के स्वास्थ्य समस्या को बढ़ा सकते है। सभी ने कनहर सिंचाई परियोजना से फ्लोराइड क्षेत्र में पानी आपूर्ति कराए जाने की मांग की।-
डा. एके गौतम ने कहा कि जलाशय के पानी में मरकरी है। यह देश के सारे वैज्ञानिक जान रहे है ऐसे में शुद्ध पानी देने के तरीकों को सरकार जनता के सामने लाया जाए। तय किया गया कि फ्लोराइड की स्थिति जांचने के लिए हर पंचायत से दो स्वयंसेवकों को फरवरी के आखिरी सप्ताह में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस मौके पर शुभा प्रेम, डा. ब्रह्मजीत सिंह, प्रेम नारायण, दिनेश जायसवाल, प्रमोद शर्मा, सीता राम, मंजू देवी, रामबृक्ष, केवला दुबे, शिव नारायण, रघुनाथ, देवनाथ भाई, यशस्वी पांडेय सहित अन्य मौजूद रहे।