शाइनसिटी प्रा.लि के खिलाफ ईको गार्डेन,लखनऊ में धरना 15 मार्च को

देश भर से कंपनी के सीएमडी राशिद नसीम,एमडी आसिफ नसीम पर करीब 2500 से भी ज्यादा एफआईआर हैं। करीब 450 एफआईआर अकेले लखनऊ से की गईं हैं। इसके अलावा हजारों शिकायतें मुख्यमंत्री पोर्टल, जन सुनवाई पोर्टल, ऑनलाइन एफआईआर और पीएमओ से भी की जा चुकी हैं।

राम केवी
Published on: 14 March 2020 4:41 PM GMT
शाइनसिटी प्रा.लि के खिलाफ ईको गार्डेन,लखनऊ में धरना 15 मार्च को
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लखनऊः देश-प्रदेश के लाखों लोगों से प्लाट और फर्जी स्कीमों में ग्राहकों के खरबों रुपए निवेश करवाकर दुबई भागने वाली रिएल एस्टेट कंपनी शाइनसिटी इन्फ्रा स्ट्रक्चर प्रा.लि. के खिलाफ ईको गार्डेन (आलम बाग निकट पुरानी जेल) में 15 मार्च को धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।

इस धरना प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश, बिहार, कोलकाता, मुंबई, हैदराबाद व देश के अन्य शहरों से करीब 5000 से भी ज्यादा पीड़ितों के शामिल होने की प्रबल संभावना है। धरना-प्रदर्शन सुबह 11 बजे से अपराह्न 3 बजे तक होगा। इसके बाद मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा व डीजीपी कार्यालय जाकर कंपनी के सीएमडी राशिद नसीम व एमडी आसिफ नसीम की गिरफ्तारी की मांग की जाएगी। ये दोनो कंपनी के सभी कार्यालय बंद कर दुबई भाग गए हैं।

गौरतलब है कि देश भर से कंपनी के सीएमडी राशिद नसीम,एमडी आसिफ नसीम पर करीब 2500 से भी ज्यादा एफआईआर हैं। करीब 450 एफआईआर अकेले लखनऊ से की गईं हैं। इसके अलावा हजारों शिकायतें मुख्यमंत्री पोर्टल, जन सुनवाई पोर्टल, ऑनलाइन एफआईआर और पीएमओ से भी की जा चुकी हैं।

क्या हैं आरोप

प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि इसके बावजूद शासन-प्रशासन कोई भी कार्रवाई नहीं कर रहा है। कंपनी के प्रेसीडेंट लखनऊ में ही खुलेआम घूम-कर पीड़ितों को धमका रहे हैं। कंपनी के सीएमडी राशिद नसीम ने अब अपना मुख्यालय लखनऊ से दुबई बना लिया है। वह पूरे देश की संपत्तियां बेचकर किसी दूसरे देश भागने की फिराक में हैं।

आरोप है कि गोमतीनगर थाना जहां सबसे ज्यादा एफआईआर हुई हैं, वहाँ की पुलिस अब भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। सभी पीडि़त इस बात से बहुत आहत हैं। अपनी आवाज शासन-प्रशासन तक पहुंचाने के लिए ईको गार्डेन में धरना-प्रदर्शन का फैसला किया गया है।

क्या हैं प्रमुख मांगें

प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगें हैं कि.राशिद नसीम को प्रत्यर्पण कर गिरफ्तार करके दुबई से भारत लाया जाए। सभी पीडि़तों को उनका पैसा ब्याज के साथ दिलाया जाए। यह रिएल एस्टेट का बहुत बड़ा घोटाला 65,000 करोड़ से भी अधिक का है। इसलिए इसकी जांच एसआईटी या सीबीआई से कराई जाए।

इसके अलावा मांग की गई है कि कंपनी के सभी ऐसे प्रेसीडेंट जिन पर एफआईआर है उनकी तत्काल गिरफ्तारी की जाए। पीडि़तों द्वारा रेरा में दी गई शिकायतों का निपटारा जल्द से जल्द कराया जाए और उन्हें उनके प्लाट दिए जाएं।शासन-प्रशासन के जिन उच्च अधिकारियों और राजनेताओं/मंत्रियों की शाइनसिटी से मिलीभगत है, उन पर कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाए।

राम केवी

राम केवी

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