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Newstrack की खबर का असर: तिरंगा की तीनों पट्टी एक समान नहीं, प्रिटिंग त्रुटि होने पर एक हजार झंडे बदले गए

Newstrack की खबर का असर: स्वतंत्रता दिवस पर चलाए जाने वाले हर घर तिरंगा अभियान के लिए झाँसी रेल मंडल में तिरंगे की सप्लाई खराब मिलने पर रेलवे प्रशासन ने अपनी गलती स्वीकार की है।

B.K Kushwaha
Published on: 11 Aug 2022 11:38 PM IST
In Jhansi, the three strips of the tricolor are not the same, a thousand flags were changed due to a printing error.
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झांसी: तिरंगा की तीनों पट्टी एक समान नहीं, प्रिटिंग त्रुटि होने पर एक हजार झंडे बदले गए: Photo- Social Media

Jhansi: स्वतंत्रता दिवस (Independence day 2022) पर चलाए जाने वाले हर घर तिरंगा अभियान (Har Ghar Titanga Abhiyan) के लिए झाँसी रेल मंडल में तिरंगे की सप्लाई खराब मिलने पर रेलवे प्रशासन ने अपनी गलती स्वीकार की है। उन्होंने माना है कि प्रिटिंग त्रुटि होने पर एक हजार झंडे बदले भी गए हैं। रेलवे बोर्ड के निर्देशानुसार ढंकी वास्तविक लागत को कर्मचारियों के वेतन से कटौती की जानी है। झाँसी मंडल में झंडे की खरीदी नियमानुसार 30 रुपए प्रति झंडे की दर से की गई है। रेलवे प्रशासन के इस पत्र को लेकर रेलवे संगठनों में खुशी जाहिर की है।

मालूम हो कि तिरंगे को बनाने में साइज का रेशो का भी ध्यान नहीं रखा गया है। कई जगह तिरंग पर केसरिया के बजाय लाल प्रयोग कर दिया गया। झंडे की हालत यहै कि इसे फहराने के लिए जब किसी डंडे में पिरोया जाएगा, तो यह फट भी सकता है। इसलिए तिरंगे के अपमान का जोखिम ज्यादा हो गया है। इस मामले में रेलवे के संगठनों की दोनों यूनियनों ने रेलवे अफसरों को पत्र लिखकर काफी आपत्ति दर्ज की है। बुधवार को न्यूज ट्रक डॉटकाम में छपी खबर को रेलवे अफसरों ने गंभीरता से लिया है।

मंडल कार्मिक अधिकारी प्रथम रवीन्द्र कुमार (Ravindra Kumar) ने एनसीआरईएस के मंडल सचिव को पत्र लिखा है। पत्र में कहा है कि झाँसी मंडल के कर्मचारियों को हर घर तिरंगा योजना के अंतर्गत वितरित करने हेतु लगभग 17000 झण्डों का समग्र क्रय किया गया है। झंडों की संख्या अधिक होने के कारण कुछ झंडों में प्रिटिंग त्रुटियां हो सकती है जिस कारण मानक के अनुरुप अथवा प्रिटिंग त्रुटि होने के कारण करीब एक हजार झंडे बदले भी गए है। इसके अतिरिक्त यदि किसी के संज्ञान में किसी कर्मचारी को त्रुटिपूर्ण झंडा प्राप्त होने की शिकायत प्राप्त हो तो कार्यालय को सूचित करें। पत्र में कहा है कि रेलवे बोर्ड के निर्देशानुसार झंडे की वास्तविक लागत को कर्मचारियों के वेतन से कटौती की जानी है। झाँसी मंडल में झंडे की खरीदी नियमानुसार 30 रुपये प्रति झंडे की दर से की गई है।


इन संगठनों ने लिखा था पत्र

नॉर्थ सेन्ट्रल रेलवे इमप्लाईज संघ के मंडल सचिव भानु प्रताप सिंह चंदेल ने मंडल रेल प्रबंधक व नार्थ सेन्ट्रल रेलवे मैस यूनियन शाखा टीआरएस डीजल के अध्यक्ष बृजमोहन सिंह ने वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर (डीजल) को पत्र लिखा था। पत्रों में कहा था कि घरों में मात्र 25 रुपए में निर्धारित मानक के अनुसार झंडा वितरित किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर रेल विभाग द्वारा 38 रुपए से भी मानक के अनुरुप एवं गुणवत्ता युक्त भारतीय ध्वज न दिए जाने से कर्मचारियों की भावनाएं आहत हो रही है। शेड के समस्त स्टॉफ व पर्यवेक्षक को राष्ट्र ध्वज वितरण किया जा रहा है परंतु जो ध्वज वितरण किए जा रहे हैं, उसमें कई तरह की खामियां है। जैसे-ध्वज की सिलाई सहीं नहीं, तीनों पट्टियों केसरिया, सफेद तथा हरा समान चौड़ाई की नहीं है। कुछ ध्वज की कटिंग सही नहीं है।



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Shashi kant gautam

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