Meerut News: सारे टिफिन एक में मिलाकर खाए, सामाजिक समरसता का दिया संदेश, जानिए क्या था अवसर

Meerut News: डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की जयंती की पूर्व संध्या पर तिलक पत्रकारिता और जनसंचार स्कूल में आंबेडकर के सिद्धांतों के आदर्शों का पालन करते हुए सामाजिक समरसता भोज का आयोजन किया गया।

Sushil Kumar
Published on: 13 April 2023 8:12 PM GMT
Meerut News: सारे टिफिन एक में मिलाकर खाए, सामाजिक समरसता का दिया संदेश, जानिए क्या था अवसर
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मेरठ में तिलक पत्रकारिता और जनसंचार स्कूल के बच्चों ने सारे टिफिन एक में मिलाकर खाए: Photo- Newstrack

Meerut News: डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की जयंती की पूर्व संध्या पर तिलक पत्रकारिता और जनसंचार स्कूल में आंबेडकर के सिद्धांतों के आदर्शों का पालन करते हुए सामाजिक समरसता भोज का आयोजन किया गया। इसमें सभी विद्यार्थी अपने घर से भोजन लेकर आए थे, सारे टिफिन एक-दूसरे से बदलकर मिला लिए गए। उसका मिश्रण करने के पश्चात सभी ने साथ बैठकर मिश्रित भोजन का प्रसाद ग्रहण किया। विभाग के निदेशक प्रोफेसर प्रशांत कुमार का कहना था कि यह सहभोज सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है। यह समरसता एवं भाईचारे का संदेश देता है।

‘अपने को हम भारतीय समझें’

इससे पूर्व विभाग में आंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में डॉक्टर आंबेडकर का पत्रकारिता में योगदान विषय पर गोष्ठी आयोजित की गई। जिसमें मुख्य वक्ता सुरेंद्र सिंह ने कहा कि डॉ. आंबेडकर का कहना था कि सभी नागरिकों का प्रथम कर्तव्य है कि जन्म से लेकर अंत तक वह अपने आपको भारतीय ही समझें। इसके अतिरिक्त कुछ और नहीं। आंबेडकर एक प्रतिभावान छात्र थे और अपनी प्रतिभा से वह लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स एंड पॉलीटिकल साइंस जैसे प्रसिद्ध संस्थान में विद्यार्थी रहे। उन्होंने समाज में व्याप्त ऊंच-नीच की भावना को समाप्त करने के लिए संघर्ष किया। उनके संघर्ष का ही परिणाम है कि भारतीय संविधान में दलितों वंचितों को ऊपर लाने के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई।

‘राष्ट्रीयता का भाव जरूरी’

डॉ. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि डॉ. अबेडकर का कहना था कि सामाजिक विषमता भारत की समता में बाधक है। राष्ट्रीयता का भाव सामाजिक विभेद हुए जागरूक नहीं हो सकता। पत्रकारिता के महत्व को दर्शाते हुए डॉक्टर आंबेडकर का कहना था कि किसी आंदोलन को सफल बनाने के लिए अखबार आवश्यक होता है। वरना वह आंदोलन ऐसे पक्षी के समान होता है जैसे उसके पंख कट गए हों। यही कारण था कि डॉक्टर आंबेडकर ने 1920 में ‘मूक नायक’ पाक्षिक समाचार पत्र का संपादन शुरू किया, उसके बाद बहिष्कृत भारत, जनता और प्रबुद्ध भारत का प्रकाशन किया।

उन्होंने कहा कि समाचार पत्र का उद्देश्य किसी वर्ग या समुदाय के हितों की अनदेखी ना करते हुए समाज निर्माण और सामाजिक एकता होना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन एमजेएमसी के विद्यार्थी सावन कुमार ने किया। तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल के निदेशक प्रोफेसर प्रशांत कुमार ने सभी अतिथियों का परिचय और स्वागत किया। इस अवसर पर डॉ. यशवेंद्र वर्मा, लव कुमार, नेहा कक्कड़, मितेंद्र कुमार गुप्ता, राकेश कुमार, ज्योति वर्मा एवं समस्त छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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