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नोट न बदलने पर छात्र ने किया सुसाइड, परिवार पीएम के साथ, और कुर्बानी को तैयार
अमित के चाचा ज्ञानवीर को भाई के इकलौते बेटे की मृत्यु का दुख है, लेकिन उन्होंने पीएम मोदी के कदम को सही बताते हुए कहा कि भ्रष्टाचार की सफाई होनी चाहिए और ब्लैक मनी रोकने के लिए उठाया गया कदम पीएम वापिस न लें। हमने बेटा खोया है, और खून देने के लिए तैयार हैं।
बुलंदशहर: देश में 500 और 1000 रूपए के पुराने नोट बंद होने के कारण इंटर के एक छात्र ने आत्महत्या कर ली। मृतक छात्र करेंसी चेंज करने के लिए पिछले तीन दिनों से अनूपशहर स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा के चक्कर काट रहा था। लेकिन करेंसी चेंज न होने के कारण वह गंगा मेले में नहीं जा सका और दुखी होकर आत्महत्या कर ली।
नोट न मिलने पर आत्महत्या
-अनूपशहर के गांव मलकपुर निवासी अमित स्थानीय जेपी विद्या मंदिर में इंटर का छात्र था।
-सोमवार रात करीब 8 बजे वह अपने कमरे में लगे पंखे में फंदा लगा कर लटक गया।
-बताया जाता है कि अमित पिछले तीन दिनों से 500 और 1000 रूपए के नोट चेंज कराने के लिए बैंक के चक्कर काट रहा था। लेकिन असफल रहा।
-घर में रखे 50 और 100 के नोट खत्म हो चुके थे, और बड़े नोट चल नहीं रहे थे। इससे परेशान अमित ने जान दे दी।
परिवार पीएम के साथ
-मृतक के चाचा ज्ञानवीर ने बताया कि अमित को अपने दोस्तों के साथ देव दशहर पर अनूपशहर स्थित छोटी काशी के गंगा मेले में जाना था।
-ज्ञानवीर ने बताया कि उन्होंने अमित के घर में 450 रुपए दिए थे, जो नाकाफी थे। इसीलिए वह मेले में नहीं जा सका।
-अमित के चाचा ज्ञानवीर को भाई के इकलौते बेटे की मृत्यु का दुख है, लेकिन उन्होंने पीएम मोदी के कदम को सही बताते हुए कहा कि भ्रष्टाचार की सफाई होनी चाहिए।
-ज्ञानवीर ने कहा कि प्रधानमंत्री ब्लैक मनी रोकने के लिए उठाया गया कदम वापिस न लें। हमने बेटा खोया है, और खून देने के लिए तैयार हैं।
-तीन फौजियों वाले इस परिवार में अमित के पिता बीएसएफ में जवान हैं और फिलहाल नेपाल बॉर्डर पर तैनात हैं। ज्ञानवीर के दो भाई जाट रेजिमेंट में हैं।
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