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Deoria News: सुभासपा प्रदेश महासचिव का सैकड़ों समर्थकों के साथ इस्तीफा, राष्ट्रीय अध्यक्ष पर लगाया गंभीर आरोप

Deoria News: सुभासपा के प्रदेश महासचिव देवरिया निवासी अभय नंदन बरनवाल ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र (resignation from party) दे दिया।

Shailesh Kumar Mishra
Published on: 23 Sep 2022 11:47 AM GMT
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देवरिया: सुभासपा प्रदेश महासचिव अभय नंदन बरनवाल का सैकड़ों समर्थकों के साथ इस्तीफा

Deoria: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Suheldev Bharatiya Samaj Party) के नेताओं का पार्टी छोड़ने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। आज पार्टी के प्रदेश महासचिव देवरिया निवासी अभय नंदन बरनवाल (Abhay Nandan Barnwal) ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र (resignation from party) दे दिया। अभय नंदन बरनवाल ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ पैदल मार्च निकालकर अपनी नाराजगी व्यक्त कर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।

उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव नजदीक आता है तो पार्टी के समर्थित कार्यकर्ताओं से दिन रात एक कर के गरीब राजभर समाज के संसाधन से भीड़ जुटाकर शक्ति प्रदर्शन करते हैं जिसे दिखाकर बड़े दोनों दलों से सौदेबाजी करते हैं और कार्यकर्ताओं को बेचने का कार्य करते हैं।

टिकट बेचकर धन उगाही में लग जाते हैं ओमप्रकाश राजभर- अभय नंदन बरनवाल

जब किसी बड़े दल से समझौता हो जाता है तो कार्यकर्ताओं की सुध नहीं रहती है। धन उगाही में लग जाते हैं जो सीटें मिलती हैं वह अपने और अपने पुत्र को लड़ाने का कार्य करते हैं। शेष अन्य सीटों पर दूसरे दल से आयातित नेताओ को जो अपने दल में टिकट से वंचित हो जाते हैं। उनको या सेवानिवृत्त बड़े अधिकारियों को मोटी रकम पर टिकट बेच देते हैं।

अभय नंदन बरनवाल ने कहा कि चुनाव उपरांत अपने पुत्र के हार जाने पर अपने सहयोगी पार्टी से अपने पुत्र के लिए एमएलसी का टिकट मांगते हैं। नही मिलने पर ओमप्रकाश राजभर सहयोगी पार्टी पर कोई बड़ा आरोप लगाकर गठबंधन तोड़ देते हैं जिससे क्षेत्र में कार्यकर्ताओं को अपमानित होना पड़ता है।

पार्टी का गठन करते समय ओमप्रकाश राजभर ने घोषणा की थी 'ना मैं चुनाव लड़ूंगा ना ही अपने परिवार के किसी सदस्य को चुनाव लड़ने दूंगा, किंतु पार्टी का ग्राफ बढ़ जाने के बाद अपने वादे के विपरीत ओमप्रकाश राजभर और उनके परिवार के अलावा अन्य कार्यकर्ता चुनाव में दिखाई नहीं देता है। इसका जीता जागता उदाहरण मैं अभिनंदन बरनवाल स्वयं हूं जब पार्टी का ग्राफ नहीं था तो 2012 विधानसभा रामपुर कारखाना 339 से हमको लड़ाया गया।

वसूली प्रक्रिया से निष्ठावान कार्यकर्ताओं का धैर्य टूट गया

जब पार्टी का समझौता बड़े दलों से हो गया तो टिकट की मांग उन विधानसभा में नहीं किया गया जहां पार्टी के कार्यकर्ता चुनाव लड़ने की तैयारी किए थे बल्कि उन स्थानों पर टिकट लिया गया जहां पार्टी का जनाधार कम था। टिकट बेचकर धन उगाही का कार्य किया जाए इसी वसूली प्रक्रिया को दोबारा अपनाया गया। निष्ठावान कार्यकर्ताओं का धैर्य टूट गया जिसके परिणाम स्वरूप हम सभी उपेक्षित कार्यकर्ता पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिए त्यागपत्र देने वालों में मुख्य रूप से विकास सिंह रामदास शर्मा देवेंद्र विश्वकर्मा प्रदीप राजा हरिश्चंद्र राजभर जितेंद्र राजभर राजभर राजभर समेत सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल रहे।

Shashi kant gautam

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