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सुब्रमण्यम स्वामी का दावा- नवंबर बाद शुरू होगा राम मंदिर का निर्माण

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने रविवार को अपने जन्मदिन की शुरुआत अयोध्या में रामलला के दर्शन से की। दर्शन करने के बाद उन्होंने कहा कि मूलभूत अधिकार प्रॉपर्टी के अधिकार से ऊपर है, इसी आधार पर नवंबर में रामलला के पक्ष में फैसला आएगा।

Aditya Mishra
Published on: 30 April 2023 10:14 PM IST
सुब्रमण्यम स्वामी का दावा- नवंबर बाद शुरू होगा राम मंदिर का निर्माण
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लखनऊ: पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने रविवार को अपने जन्मदिन की शुरुआत अयोध्या में रामलला के दर्शन से की।

दर्शन करने के बाद उन्होंने कहा कि मूलभूत अधिकार प्रॉपर्टी के अधिकार से ऊपर है, इसी आधार पर नवंबर में रामलला के पक्ष में फैसला आएगा। उन्होंने कहा कि इसी साल राम मंदिर निर्माण का काम शुरू हो जाएगा।

बीजेपी सांसद ने कहा कि राम मंदिर की अधिकांश जमीन सरकार के पास है। सरकार जमीन किसी को भी दे सकती है। सबकुछ प्री-फैब्रिकेटेड है, केवल भव्यता देनी है। नवंबर बाद देश खुशियां बनाएगा।

सुब्रमण्यम स्वामी के समर्थकों में जय श्रीराम के नारे लगाए। दरअसल, सुब्रमण्यम स्वामी अपने जन्मथदिन के अवसर पर अयोध्या के कांची मठ में हवन पूजन भी किया। वहीं, कारसेवक पुरम की गौशाला में गौ सेवा किया।

अखाड़ा ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ को कहा था कि कब्जा 'पूरी तरह उनका' है, क्योंकि वर्ष 1934 के दंगों के बाद 1949 तक मुस्लिमों को केवल शुक्रवार की नमाज पढ़ने की इजाजत थी और वह भी पुलिस संरक्षण में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अखाड़ा को विवादित 2.77 एकड़ राम जन्मभूमि-बाबरी भूमि का एक-तिहाई आवंटित किया था।

हिंदू संगठन ने कहा था कि पुलिस संरक्षण में शुक्रवार की नमाज पढ़ना अखाड़ा के कब्जे की कानूनी प्रकृति में बदलाव नहीं लाएगा और इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता कि हिंदुओं और मुस्लिमों दोनों का संयुक्त कब्जा था।

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सुप्रीम कोर्ट में बोले मुस्लिम पक्षकार

सुप्रीम कोर्ट में सुन्नी वक्फ बोर्ड और मूल याचिकाकर्ता एम. सिद्दीकी सहित अन्य की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने यह कहते हुए हलफनामे का विरोध किया कि मुस्लिमों ने इसलिए नमाज नहीं पढ़ी, क्योंकि उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी गई।

इस पर पीठ ने कहा, 'आप (अखाड़ा) गैरकानूनी काम नहीं कर सकते और फिर उससे लाभ हासिल करना चाहते हैं। अगर आप अवैध काम नहीं भी करते हैं तो भी आप दूसरों के अवैध कार्यों से फायदा नहीं उठा सकते।' पीठ में न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे, न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एसए नजीर भी शामिल हैं।

अगला मिशन काशी-मथुरा की मुक्ति होगी

इससे पहले स्वामी ने शनिवार को कहा था कि अयोध्या के साथ काशी और मथुरा दोनों स्थानों पर मस्जिद को हटाने के लिए मुस्लिमों को अलग जमीन देने का प्रस्ताव दिया जाएगा।

स्वामी ने कहा कि रामजन्मभूमि के बाद अगला मिशन काशी-मथुरा की मुक्ति होगी। अयोध्या के साथ ही काशी और मथुरा हिंदुओं के पवित्र और पूजनीय स्थल हैं, इसलिए इन दोनों स्थानों पर मस्जिद को हटाने के लिए मुस्लिमों को अलग जमीन देने का प्रस्ताव दिया जाएगा।

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‘जो फैसला आएगा वह निष्पक्ष होगा’

उन्होंने कहा कि आस्था का जिक्र संविधान में किया गया है। हिंदू पक्ष की यह आस्था है कि ध्वस्त बाबरी मस्जिद के बीच वाले गुंबद का जो हिस्सा है, वहीं रामलला का जन्म हुआ था।

स्वामी ने कहा, ‘पूजा करना हमारा मूलभूत अधिकार है, जबकि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड आस्था के आधार पर मुकदमा नहीं लड़ रहा है। बोर्ड यह नहीं कह रहा है कि वह दोबारा मस्जिद बनाना चाहता है।

वह कह रहा है कि ये जमीन बाबर की है, जबकि मस्जिद मीर बाकी ने बनवाई, जो शिया था।’ उन्होंने कहा कि मामले की सुनवाई कर रही पीठ के पांचों न्यायाधीश विद्वान हैं, इसलिए जो फैसला आएगा, वह निष्पक्ष होगा।

स्वामी ने उम्मीद जताई कि रामजन्मभूमि विवाद पर फैसला 15 नवंबर तक आ जाएगा। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर () के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि उसके चार टुकड़े करना ही उसका इलाज है। गिरती अर्थव्यवस्था के बाबत उन्होंने कहा, ‘अभी मंदी है नहीं, लेकिन हम उस ओर बढ़ रहे हैं।

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अब समय आ गया है, अयोध्या में राम मंदिर बनने का: महंत नृत्यगोपाल दास

भाजपा के फायर ब्रांड नेता व राज्यसभा सांसद डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने जन्मदिन पर रामलला के दर्शन के बाद श्री राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया। इस दौरान महंत नृत्यगोपाल दास ने कहा कि अब समय आ गया है, जब अयोध्या में राम मंदिर बन जाएगा। महंत ने मोदी सरकार का नाम लिए बगैर सवालिया अंदाज में कहा कि अब इनके समय में भी अगर मंदिर नहीं बना तो कब बनेगा। इसलिए भगवान की कृपा से अब वो समय आ गया है, जब जल्द से जल्द अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि रामजन्मभूमि का मामला सुप्रीम कोर्ट में है, नियमित सुनवाई भी चल रही है, चाहे जब फैसला आये लेकिन मोदी और योगी के कार्यकाल में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा।

भाजपा के फायर ब्रांड नेता राज्य सभा सांसद डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने रविवार को अपने जन्मदिन पर रामनगरी में प्रातःकाल रामलला के दर्शन किये। इसके बाद पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि नवम्बर के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। मंदिर निर्माण तो पिछले नवम्बर में ही शुरू हो सकता था लेकिन उस समय काम रोक दिया गया।

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उन्होंने कहा कि हिन्दुओं का मूलभूत अधिकार मुसलमानों की संपत्ति के अधिकार से ऊपर है क्योंकि मुसलमानों का वह साधारण अधिकार है। संपत्ति का अधिकार, मूलभूत अधिकार पर नहीं बनता है। संविधान भी कहता है कि जब किसी के मूलभूत अधिकार व संपत्ति के अधिकार का टकराव होता है तो मूलभूत अधिकार ही सर्वोपरि है।

उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर की अधिकांश जमीन सरकार के पास है जो उसने अधिग्रहण करके रखा हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि सरकार वह जमीन किसी को भी दे सकती है लेकिन सरकार ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही सारी जमीन सौंपी जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछले नवम्बर में ही मंदिर निर्माण का काम शुरू हो सकता था लेकिन काम रोक दिया गया।

अब नवम्बर के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा

राज्य सभा सांसद ने कहा कि वैसे भी सब प्री फैब्रीकेटेड है, उसे केवल भव्यता देनी है। नवम्बर के बाद देश के लोग खुशियां मनाएंगे। रामलला दर्शन के समय सुब्रमण्यम स्वामी के समर्थकों ने राम लला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे और जय श्रीराम के नारे भी लगाए।

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डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने अयोध्या दौरे के अंतिम दिन रामलला का दर्शन-पूजन किया। दर्शन के उपरांत शंकराचार्य मठ में अपने जन्मदिन के मौके पर हवन पूजन किया। इसके बाद विश्व हिंदू परिषद के मुख्यालय कारसेवक पुरम में गौ सेवा भी की।

इसके पूर्व शनिवार को सुब्रमण्यम स्वामी ने शनिवार को कहा था कि अ रामजन्मभूमि के बाद अगला मिशन काशी और मथुरा की मुक्ति होगी। अयोध्या के साथ ही काशी और मथुरा हिंदुओं के पवित्र और पूजनीय स्थल हैं, इसलिए इन दोनों स्थानों पर मस्जिद को हटाने के लिए मुस्लिमों को अलग जमीन देने का प्रस्ताव दिया जाएगा।



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