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छुट्टियों में विदेश से घर वापस आने के लिए जेब में नहीं होते थे पैसे, ऐसे बनीं IPS

Aditya Mishra
Published on: 2 Aug 2018 2:04 PM GMT
छुट्टियों में विदेश से घर वापस आने के लिए जेब में नहीं होते थे पैसे, ऐसे बनीं IPS
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लखनऊ: मन में अगर कुछ करने का जज्बा हो तो हर मुश्किल आसान हो जाती है। इस उदाहरण को यूपी के मुरादाबाद की रहने वाली इल्मा अफरोज ने सच साबित कर दिखाया है। वह पिता की डेथ के बाद अपने मां और भाई के साथ मिलकर खेतों में काम करने लगी। लेकिन इस बीच अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी। तमाम मुश्किलों से गुजरते हुए यूपीएससी का एग्जाम दिया और ऑल इंडिया सिविल सर्विसज में 217वीं रैंक हासिल की। गरीबी से जूझकर अब वह IPS ऑफिसर बन गई हैं।

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ऐसे बीता था बचपन

इल्मा अफरोज यूपी के मुरादाबाद की रहने वाली हैं। वह एक किसान की बेटी हैं। उनका बचपन गरीबी में बीता था। उनकी मां चुल्हे पर रोटियां बनाया करती थीं। पिता के निधन के बाद वह मां और भाई के साथ खेतों में हाथ बंटाने लगी, लेकिन इस बीच उन्होंने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी। घर में लाइट नहीं थी। उन्हें मोमबत्ती की रोशनी में पढ़ाई करनी पडती थी। वह स्कूल से लौटने के बाद घर का भी काम करती थी। उसके बाद शाम को फिर से पढ़ाई में जुट जाती थी।

स्कॉलरशिप से की आक्सफोर्ड में पढ़ाई

इल्मा 12 वीं तक की पढ़ाई मुरादाबाद में करने के बाद हायर स्टडीज के लिए दिल्ली आ गई। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफंस कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वह विदेश जाना चाहती थी लेकिन घर में पैसे नहीं थे। उसने स्कालरशिप से पढ़ाई करने के लिया आवेदन किया। उनका आवेदन मंजूर हो गया। उसके बाद वह आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी चली गई। विदेश में पढ़ते हुए भी उनका सपना देश के लिए कुछ करने का था।

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टिकट के पैसे जुटाने के लिए करनी पड़ती थी मशक्कत

इल्मा को पढ़ाई के लिए फ़ीस का इंतजाम तो हो गया लेकिन इंडिया से आक्सफोर्ड पढ़ाई के लिए जाने के लिए टिकट के पैसे नहीं थे। उनके घरवालों ने खेती से जैसे -तैसे प्रबंध किया तब जाकर टिकट के पैसे का इंतजाम हो पाता था। पैसे की तंगी के कारण ही वह पढ़ाई के दिनों में वह बहुत ही कम बार अपने घर छुट्टियां मनाने के लिए आ पाती थी। इन तमाम परेशानियों के बावजूद वह कभी निराश नहीं होती थी। उनका पूरा फोकस केवल अपनी पढ़ाई पर था।

इस वजह से की यूपीएससी की पढ़ाई

इल्मा विदेश में पढ़ाई करते वक्त ये हमेशा सोचा करती थी कि अगर मैं विदेश के लोगों की सेवा करूं तो इससे मेरे गांव और परिवार वालों को कोई फायदा नहीं होगा जिन्होंने उन पर इतनी मेहनत की है। इन सब के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला किया।

बनना चाहती थी वकील बन गई आईपीएस

इल्मा वकील बनना चाहती थी लेकिन उसके पास वकालत की पढ़ाई के लिए पैसे नहीं थे। इसलिए उसने यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला किया। उसने कड़ी मेहनत की। जिसके बाद उसका सपना पूरा हो गया। उसने यूपीएससी का एग्जाम दिया। उसकी यूपीएससी की परीक्षा में 217वीं रैंक आई है।

Aditya Mishra

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