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कोरोना काल में गन्ना विभाग की नई पहल, किसानों को ऐसे भेजी जाएंगी पर्चियां

कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए यूपी सरकार का गन्ना विभाग इस साल गन्ना किसानों को एसएमएस के जरिए गन्ना पर्चियां भेजेगा।

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Published on: 23 July 2020 1:22 PM GMT
कोरोना काल में गन्ना विभाग की नई पहल, किसानों को ऐसे भेजी जाएंगी पर्चियां
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Sugarcane department

मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए यूपी सरकार का गन्ना विभाग इस साल गन्ना किसानों को एसएमएस के जरिए गन्ना पर्चियां भेजेगा। गन्ना आयुक्त, संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि इस वर्ष गन्ना कृषकों को गन्ना पर्चियां केवल एसएमएस से ही भेजी जायेंगी।

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गन्ना किसानों से की ये अपील

उन्होंने गन्ना किसानों से अपील की है वह गन्ना कृषक सर्वे या सट्टा प्रदर्शन के दौरान गन्ना पर्यवेक्षक से या ई-गन्ना एप के माध्यम से स्वयं अपना मोबाईल नम्बर अपडेट कर लें तथा मोबाईल का इनबाॅक्स खाली रखें और डीएनडी सर्विस को डिऐक्टिवेट रखे जिससे उन्हें गन्ना पर्ची प्राप्त होने में कोई बाधा न हो तथा कोविड-19 के प्रसार को प्रभावी तरीके से रोका जा सके।

यूपी के गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने गुरुवार को बताया कि पेराई सत्र 2020-21 के लिए गन्ना किसानों की गन्ना आपूर्ति संबंधी आंकड़ों में पूरी पारदर्शिता लाने के लिए गन्ना सर्वेक्षण तथा सट्टा सम्बन्धी समस्त आंकड़े www.caneup.in तथा E-Ganna app पर अपलोड कराये जायेंगे। जिससे किसान घर बैठे ही अपने तथा अन्य किसानों के आंकड़ों को मोबाइल या कम्प्यूटर के माध्यम से देख सकते हैं।

उन्होंने बताया कि अगर किसान को अपने आंकड़ों में कोई गलती दिखती है तो वह सम्बन्धित गन्ना पर्यवेक्षक को अथवा ईआरपी पोर्टल www.caneup.in के Grievance redressal काॅलम पर अपनी शिकायत दर्ज कराकर संशोधन करा सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से किसान को समितियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे तथा गन्ना आपूर्ति में पूर्ण पारदर्शिता के साथ ही कोविड-19 के प्रसार को रोकने में भी सहायता मिलेगी।

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गन्ना सर्वेक्षण कार्य लगभग पूरा कर लिया गया

भूसरेड्डी ने बताया कि पेराई सत्र 2020-21 के लिए गन्ना सर्वेक्षण कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है। शत-प्रतिशत गन्ना सर्वेक्षण जीपीएस तकनीक से कराया गया है जिससे किसी प्रकार की त्रुटि की सम्भावना न रहें। उन्होंने कहा कि ऐसे गन्ना किसान जिनके पास एन्ड्रायड मोबाईल नहीं है और जो कम्प्यूटर में अपना सर्वेक्षण देखने में असमर्थ हैं। उनके लिये ग्राम स्तरीय सर्वे, सट्टा प्रदर्शन का कार्यक्रम ग्रामवार, मिल एवं विभाग के गन्ना पर्यवेक्षक द्वारा संयुक्त रूप से किया जायेगा जिससे अगर गन्ना किसान अपने सर्वेक्षण आंकड़ों को देखकर उनमें यदि कोई त्रुटि हो तो उसके निवारण के लिए गन्ना पर्यवेक्षक के माध्यम से दूर करा सकेंगे।

सोशल डिस्टेन्स के नियमों का पालन

गन्ना आयुक्त ने बताया कि कोविड-19 के दृष्टिगत इस वर्ष समिति स्तरीय सर्वे, सट्टा प्रदर्शन मेला सर्किलवार स्टाॅल लगाकर आगामी 30 सितम्बर तक किया जायेगा। सर्किलवार एक स्टाॅल पर एक दिवस में एक गांव की तिथि निर्धारित की जायेगी जिससे सोशल डिस्टेन्सिंग के नियमों का पालन किया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में कोविड-19 के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए गांव व समिति स्तरीय सट्टा प्रदर्शन मेले में सभी कर्मचारियों तथा गन्ना किसानों को चेहरे पर मास्क लगाने, हाथों को सेनेटाइज करने और सोशल डिस्टेन्स के नियमों का पालन करना भी अनिवार्य होगा।

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किसानों की थर्मल स्क्रीनिंग भी की जायेगी

समिति स्तरीय सट्टा प्रदर्शन के दौरान गन्ना किसानों की थर्मल स्क्रीनिंग भी की जायेगी तथा प्रत्येक गन्ना समितियों पर इन्क्वायरी टर्मिनल की भी स्थापना की जायेगी।

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