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सरकार की अच्छी पहल: एम्स के नाम दर्ज हुई गन्ना शोध संस्थान की जमीन

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Published on: 7 Jun 2017 10:13 AM GMT
सरकार की अच्छी पहल: एम्स के नाम दर्ज हुई गन्ना शोध संस्थान की जमीन
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गोरखपुर: कूड़ाघाट स्थित गन्ना शोध संस्थान की 112 एकड़ जमीन एम्स के नाम हो गई। निबंधन कार्यालय में केंद्र और उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में रजिस्ट्री हुई केंद्र सरकार के नाम बनाया गया। डीड में शर्त रखी गई है कि इस जमीन का प्रयोग सिर्फ एम्स के निर्माण के लिए किया जाएगा, अन्य किसी भी कार्य के लिए इसका प्रयोग नहीं हो सकता।

गन्ना शोध संस्थान की जमीन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में फर्टिलाइजर में आयोजित सभा में एम्स निर्माण के लिए शिलान्यास किया था। 5 महीने पहले संस्थान की जमीन उत्तर प्रदेश के चिकित्सा और शिक्षा विभाग के नाम की गई थी। इसके बाद बीच में विधानसभा चुनाव हो जाने के कारण मामला आगे नहीं बढ़ सकता था। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्य चिकित्सा एवं शिक्षा विभाग के सचिव निलेश कुमार सिंह ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव विनोद कुमार की उपस्थिति में जमीन एम्स के नाम स्थानांतरित कर दी। रजिस्ट्री की प्रक्रिया कलेक्ट्रेट स्थित सब रजिस्ट्रार द्वितीय रहीस अहमद की उपस्थिति में हुई।

आगे की स्लाइड में जानिए इससे जुड़ी और भी खास बातें

एक रुपए वार्षिक किराए पर 90 साल की लिए लीज

एम्स के लिए गन्ना शोध संस्थान की 112 एकड़ जमीन 90 साल के लिए एक रुपए प्रति वार्षिक किराए के दर पर स्थानांतरित हुई है। जरूरत पड़ने पर भविष्य में लीज की इस अवधि को बढ़ाया जा सकता है। डीएम सर्किल रेट के मुताबिक वर्तमान में इस जमीन की कीमत करीब 700 करोड़ों है। सरकारी काम छोड़कर अगर किसी प्राइवेट एजेंसी द्वारा इस जमीन का बैनामा कराया जाता, तो राज्य सरकार को करीब 35 करोड़ों रुपए स्टांप ड्यूटी के तौर पर मिलते।

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