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Sultanpur News: सड़क और नाली न बनने पर चुनाव का बहिष्कार, हरकत में प्रशासन
Sultanpur News: मेनका गांधी के संसदीय क्षेत्र के एक गांव ने मतदान का बहिष्कार किया है। लोगों ने सड़क और नाली न बनने की वजह से लोगों ने मतदान न करने का फैसला लिया है।
Sultanpur News: सुल्तानपुर में छठे चरण में मतदान होना है। सभी दलों ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है तो इसी बीच जनता के दर्द की एक तस्वीर सामने आई है। लगभग 2 हजार की आबादी वाले गाँव ने गांव के बाहर बैनर लगाकर वोट नहीं देने का एलान कर दिया है। लोगों की डिमांड है कि अगर नाली-खड़ंजा नहीं तो वोट नहीं। जबकि क्षेत्र में 10 साल से भाजपा का सांसद है और 10 साल से इलाके में सपा के विधायक हैं। फिर भी लोगों की मांग अबतक पूरी नहीं हुई है। जिसपर लोग वोट नहीं देने की बात कहकर बैनर लगाने को मजबूर हैं।
सड़क नहीं तो वोट नहीं
मामला इसौली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ब्लदीराय तहसील के गौरा बारामऊ का है। जहाँ लोगों द्वारा नाली-खड़ंजा नहीं तो वोट नहीं का एक बैनर लगाया गया है। चुनाव के दौरान लगे इस बैनर ने सरकार के विकास के दावे की पोल खोलकर रख दी है। लगभग दस साल से अधिक समय से क्षेत्र में सपा के विधायक हैं लेकिन उनके भी विकास का सच लोगों ने सामने लाकर रख दिया है। मिली जानकारी के अनुसार बल्दीराय तहसील के गौरा बारामऊ गांव में लगभग दो हजार की आबादी है। यहां लंबे समय से नाली व खड़ंजा बनाने की मांग ग्रामीण लोग अपने जनप्रतिनिधियों से करते चले आ रहे हैं। हर बार चुनाव के समय गांव में वोट देने की अपील लेकर पहुंचने वाले नेता सिर्फ कोरा आश्वासन देकर लौटते हैं। दोबारा चुनाव में ही दिखाई देते हैं। अपनी मूलभूत सुविधाओं से वंचित ग्रामीणों ने इस बार जनप्रतिनिधियों को सबक सीखने का मन बनाकर गांव के बाहर बैनर लगा दिया है, जिसपर लिखा गया है "नाली-खड़ंजा नहीं,तो वोट नहीं"।
अब तक नहीं पहुंची मेनका गांधी
लोकसभा चुनाव के प्रचार को क़रीब डेढ़ महीने का समय बीत गया है। खुद यहां की वर्तमान सांसद और फिर से भाजपा से चुनाव लड़ रही मेनका गाँधी माह भर से अधिक समय से क्षेत्र में चुनाव प्रचार के साथ गांव गांव का दौरा कर रही हैं। हर दिन किसी न किसी विधानसभा क्षेत्र में उनकी दर्जनों नुक्कड़ सभाएं हो रही हैं। इसौली विधानसभा क्षेत्र में भी वो कई बार जा चुकी हैं, लेकिन इस गाँव तक अभी नहीं पहुंची हैं। उधर इस क्षेत्र के सपा विधायक मोहम्मद ताहिर खान हैं। वो और उनके पार्टी प्रत्याशी राम भुआल निषाद भी इस विधानसभा में दौरे कर रहे हैं, लेकिन इनका भी कोई पुरसाहाल नहीं हैं। ऐसे में इन ग्रामीणों का अपनी माँगों को लेकर विरोध करना अपनी जगह जायज है।
बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक आबादी
आपको बता दें कि यूं तो गौरा बारामऊ गाँव में मिली जुली आबादी वाले लोग है। लेकिन यहां बड़ी संख्या अल्पसंख्यक वर्ग की है। सरकार इस वर्ग को लेकर अपने विकास की बड़ी बड़ी बातें करती है। लेकिन सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास का नारा देने वाली सरकार यहां पर फेल साबित है। इस विषय पर स्थानीय सपा विधायक ताहिर खान से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन नही उठा। हालांकि उनके दावे रहते हैं कि उनके क्षेत्र में विकास की नदी बह रही है,लेकिन इस विरोध ने उनके विकास के दावों की पोल खोल कर रख दी है। बहरहाल इस खबर से प्रशासन हरकत में आया। बल्दीराय की उपजिलाधिकारी विदुषी सिंह ने बताया कि ग्रमीणों से बात की गई है। मौके पर नायब तहसीलदार को भेजा गया,चुनाव के दौरान कोई कार्य नहीं हो सकता। चुनाव बाद ग्रामीणों की समस्या का हल करवाया जाएगा। इस बात से ग्रमीणों ने संतुष्टि जाहिर की है।