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Sultanpur: VHP जिला उपाध्यक्ष पर ज़मीन कब्जाने का आरोप, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी सफाई, नहीं पेश कर पाए दस्तावेज
Sultanpur News : सत्ता पक्ष से जुड़ा होने के कारण पुलिस ने शांति भंग की धाराओं में सभी का चालान कर दिया। हालांकि, घटना के बाद कब्ज़ा करने में शामिल जिला उपाध्यक्ष ने साफ किया था कि वो संगठन में महज़ कार्यकर्ता हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस करते विहिप नेता (Social media)
Sultanpur News : यूपी के सुल्तानपुर में बीते दिनों दुर्गा पूजा महोत्सव के आरंभ में ही डीजे के शोर में आधी रात अचानक ग्लैण्डर मशीन और कटर के साथ दर्जनों लोगों ने एक बिल्डिंग पर धावा बोल दिया। मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने 3 लोगों को हिरासत में ले लिया। बाद में वीडियो वायरल होने के बाद पता चला कि उपरोक्त भवन पर कब्ज़ा करने में विश्व हिन्दू परिषद (VHP) के जिला उपाध्यक्ष की अहम भूमिका थी।
बहरहाल मामला सत्ता पक्ष से जुड़ा होने के कारण पुलिस ने शांति भंग की धाराओं में सभी का चालान कर दिया। हालांकि, घटना के बाद कब्ज़ा करने में शामिल जिला उपाध्यक्ष ने साफ किया था कि वो संगठन में महज़ कार्यकर्ता हैं।
'मैंने उस जमीन का एग्रीमेंट लिया है'
उक्त घटना के बाद शुक्रवार (27 अक्टूबर) को जब लगा कि संगठन पर उंगली उठ रही है तो विभागाध्यक्ष नागेंद्र सिंह (Nagendra Singh) और विहिप जिला उपाध्यक्ष दिवाकर सिंह (Diwakar Singh) ने कब्ज़े के आरोप को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि, 'मैंने उस जमीन का एग्रीमेंट लिया है।' हालांकि, वो पर्याप्त दस्तावेज़ भी उपलब्ध नहीं करा पाए।
कब्ज़े का खेल, पुलिस ने किया फेल
दरअसल पूरे मामले में विहिप का नाम तब जुड़ा, जब संगठन के जिला उपाध्यक्ष दिवाकर सिंह साथियो के साथ कब्ज़ा करवाते हुए वीडियो में कैद हुए। हालांकि, कब्ज़े की कोशिश के बाद से वो लगातार सफाई देते नजर आ रहे थे।
व्यापारियों में भी दिखा गुस्सा
चौक इलाके में विशेषकर व्यापारी समुदाय में इस घटना के बाद रोष है। अपने एक साथी की दुकान पर कब्ज़े के बाद व्यापारियों में भी गुस्सा देखने को मिला। हालांकि, प्रशासन सधे कदमों से इस मामले में कड़ी कार्यवाही से बच रही। बता दें, पूर्व में भी इन लोगों पर जमीन कब्ज़े के आरोप लगे हैं। शहर में एक हत्या तक हो चुकी है।
आपको बता दें की करीब दो महीने पहले भी ज़मीन से जुड़े एक मामले में डॉक्टर को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। बताया जाता है उसमें सत्ता पक्ष से जुड़े कुछ लोग शामिल थे। बहरहाल, अभी ये आग ठंडी नहीं पड़ी थी, कि दूसरे कब्ज़े का खेल शुरू हो गया।