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पॉक्सो स्पेशल कोर्ट: नसीमुददीन को जारी किया सम्मन, राम अचल राजभर मेवालाल गौतम भी तलब
पॉक्सो स्पेशल कोर्ट ने भाजपा नेता दयाशंकर सिंह के परिवार की महिलाओं व उनकी बेटी के लिए अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल करने के चर्चित मामले में दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ सम्मन जारी किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने इसी मामले के सहअभियुक्तों राम अचल राजभर तथा राष्ट्रीय सचिव मेवालाल गौ
लखनऊ: पॉक्सो स्पेशल कोर्ट ने भाजपा नेता दयाशंकर सिंह के परिवार की महिलाओं व उनकी बेटी के लिए अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल करने के चर्चित मामले में दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ सम्मन जारी किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने इसी मामले के सहअभियुक्तों राम अचल राजभर तथा राष्ट्रीय सचिव मेवालाल गौतम सहित अभियुक्त नौशाद अली व अतर सिंह राव को भी जरिए समन आठ फरवरी को तलब किया है। विशेष जज अविनाश सक्सेना ने यह आदेश आरोप पत्र को दर्ज करने का आदेश देते हुए दिया है।
अदालत में में इस केस में आरोप पत्र गुरूवार को दाखिल किया गया था जिसमें सभी अभियुक्तों पर आईपीसी की धारा 304, 506, 509, 153ए, 34, 149 व पाॅक्सो एक्ट की धारा 11 (1) के तहत आरोप लगाया गया है। इस आरोप पत्र में दयाशंकर सिंह की मां तेतरी देवी व उनकी पत्नी स्वाती सिंह सहित कुल नौ गवाहों के नाम दर्ज हैं। क्षेत्राधिकारी हजरतगंज अभय कुमार मिश्र ने आरोप पत्र में कहा है कि इस मामले में मायावती, प्रदीप सिंह, ओपी सिंह, ऊषा चौधरी व जन्नत जहाॅ के खिलाफ विवेचना अभी जारी है।
यह है पूरा मामला
दरअसल 22 जुलाई, 2016 को इस मामले की नामजद एफआईआर दयाशंकर सिंह की मां तेतरी देवी ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी। उन्होंने अपनी इस एफआईआर में नसीमुद्दीन, राम अचल राजभर व मेवालाल सहित बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायवाती को भी नामजद किया था। जिसके मुतातिक 20 जुलाई, 2016 को बसपा सुप्रीमो मायावती ने राज्य सभा में उन्हें, उनकी बेटी, उनकी बहू व नातिन तथा उनके परिवार की सभी महिलाओं को गालियां दी व अपशब्द कहे। जबकि इसके दूसरे दिन नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामअचल राजभर व मेवालाल की अगुवाई में बसपा कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज स्थित अम्बेडकर प्रतिमा पर उनके पुत्र दयाशंकर सिंह को मां व बहन की गंदी गंदी गालियां दी तथा अभद्र टिप्पणी करते हुए धरना प्रदर्शन किया।वर्ग और जातीय भेद बताते हुए भीड़ को हिंसा के लिए उत्तेजित किया। दयाशंकर की 12 वर्षीय बेटी के लिए खुलेआम अमर्यादित नारे लगाए। जो बलात्कार की श्रेणी में आते हैं।