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खिली धूप तो पार्कों की बढ़ी रौनक, बच्चों ने खूब मचाई धमाचौकड़ी
कोहरा और शीत लहर चलने से परेशान लोगों के लिए शनिवार का दिन राहत भरा रहा। चटख धूप की वजह से लोगों को सर्दी से राहत मिल गई, हालांकि शाम ढलने के बाद सर्दी का अहसास बढ़ गया।
आशुतोष त्रिपाठी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की एक अलग पहचान है। यहां की बोली की मिठास, मिठाई से ज्यादा मीठी है। कोहरा और शीत लहर चलने से परेशान लोगों के लिए शनिवार का दिन राहत भरा रहा। चटख धूप की वजह से लोगों को सर्दी से राहत मिल गई, हालांकि शाम ढलने के बाद सर्दी का अहसास बढ़ गया।
‘नवाबों का शहर’ लखनऊ
लखनऊ को ‘नवाबों के शहर’ के नाम से जाना जाता है क्योंकि इस शहर का इतिहास इस शहर को सबसे ख़ास बनाता है। यहां का रहन सहन, खाना-पानी, तौर तरीके, भाषा, इमारतें-पार्क, पहनावा आदि। सब कुछ में राजसी जीवन की झलक दिखाई देती है।
शाम ढलते ही सर्दी का अहसास
अगर सुबह कि बात करें तो सुबह काफी ठण्ड थी लेकिन दिन चढ़ने के साथ -साथ सूर्यदेव का परा भी चढ़ने लगा जिससे लोगों ने छतों पर बैठकर धूप का मजा लिया। इसका सीधा प्रभाव बाजार,सड़कों और पार्कों पर भी देखने को मिला।
लोग बड़ी संख्या में पार्कों में अपने पूरे परिवार के साथ मस्ती करने पहुंचे धूप निकलने से लोगों को ठंड से काफी हद तक राहत मिली, लेकिन शाम ढलते ही सर्दी का अहसास होना शुरू हो गया।
पार्कों में हुई काफी भीड़
जनेश्वर मिश्र पार्क, लोहिया पार्क, अंबेडकर पार्क, कांशीराम पार्क सहित अन्य सभी प्रमुख पार्को में लोग फैमिली और फ्रेंड्स के साथ पिकनिक मनाने पहुंचे। नन्हें-मुन्हें झूला झूलने के साथ पार्क में धमाचौकड़ी मचाते रहे। वहीं बड़ों ने धूप का खूब आनंद लिया।
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