TRENDING TAGS :
Supreme Court: बिना OBC आरक्षण के ही MP में होंगे स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव, दो हफ्ते में जारी करें अधिसूचना
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए राज्य निर्वाचन आयोग को दो हफ्ते के भीतर चुनाव की अधिसूचना जारी करने के निर्देश दिए। अभी सिर्फ एससी/एसटी आरक्षण के साथ ही स्थानीय निकाय संपन्न कराने होंगे।
देश की सर्वोच्च अदालत (supreme court) ने मंगलवार को अपने आदेश में कहा है, कि मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बिना ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) के ही पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश 10 मई को जया ठाकुर और सैयद जाफर की याचिका पर दिया। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) को दो हफ्ते के भीतर चुनाव की अधिसूचना (Notification) जारी करने के निर्देश दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपने आदेश में कहा, कि 'तय शर्तों को पूरा किए बिना ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) नहीं मिल सकता। अभी सिर्फ एससी/एसटी आरक्षण (SC/ST Reservation) के साथ ही स्थानीय निकाय (local body) और पंचायत चुनाव (Panchayat Election) संपन्न कराने होंगे।
SC/ST का इतना प्रतिशत रहेगा आरक्षण
सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण लागू करने के लिए मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) सरकार की सर्वेक्षण रिपोर्ट (survey report) को अधूरा माना है। इसलिए अब स्थानीय चुनाव 36 फीसदी रिजर्वेशन के साथ ही होंगे। जिसमें 20 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति (ST) और 16 प्रतिशत अनुसूचित जाति (SC) का आरक्षण रहेगा।
क्या कहा था शिवराज सरकार ने?
दरअसल, मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) के साथ राज्य में स्थानीय निकाय एवं पंचायत चुनाव कराने की बात कही थी। इसीलिए स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव अटक गया। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है, कि उनकी सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अध्ययन कर पुनर्विचार याचिका दायर करेगी।
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने कहा, कि बीते दो साल से लगभग 23,000 स्थानीय निकाय के पद खाली पड़े हैं। पांच साल में चुनाव कराना सरकार का संवैधानिक दायित्व (constitutional obligation) है। ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) देने के लिए ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया (Triple Test Procedure) पूरी करने के लिए राज्य सरकार को और वक्त नहीं दिया जा सकता।
यह आदेश अन्य राज्यों पर भी लागू
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा है कि, यह आदेश न केवल मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और महाराष्ट्र (Maharashtra) राज्य और चुनाव आयोग तक सीमित है, बल्कि शेष राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों पर भी लागू होगा।' इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने 6 मई को मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।