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सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद पीआईएल दाखिल करने पर लगा हर्जाना 

Rishi
Published on: 18 Aug 2017 9:50 PM IST
सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद पीआईएल दाखिल करने पर लगा हर्जाना 
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लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद जनहित याचिका दायर करने पर इलाहाबाद हाई केार्ट की लखनउ खंडपीठ ने स्थानीय पत्रकार जगदीश नारायण शुक्ला पर 25 हजार रुपये हर्जाना ठोक दिया।

यह आदेश न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति डीएस त्रिपाठी की बेंच ने जगदीश नारायन शुक्ला की पीआईएल को खारिज करते हुए दिए।

सुनवायी के दौरान विपक्षी अधिवक्ताओं ने सर्वोच्च न्यायालय का एक आदेश कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने याची पर दस हजार रुपये हर्जाना लगाया था व भविष्य में पीआईएल दायर करने पर रोक लगाई थी। आरोप लगाया गया कि याचिकाकर्ता ने इस आदेश का खुलासा नहीं किया था।

इस पर न्यायालय ने याची के आचरण को देखते हुए याचिका को खारिज कर दिया व 25 हजार रुपये हर्जाना के तौर पर चार सप्ताह में इलाहाबाद हाईकोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी में जमा करने का आदेश दिया। न्यायालय ने कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद याची ने न सिर्फ पीआईएल दायर की बल्कि उक्त आदेश को भी छिपाया।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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