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Afzal Ansari: अफजाल अंसारी की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, बहाल होगी सांसदी,2024 की जंग के लिए भी रास्ता साफ
Afzal Ansari: अफजाल अंसारी को सजा सुनाए जाने के बाद गत एक मई को उनकी संसद सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी मगर अब उनकी सांसदी बहाल होने का रास्ता खुल गया है।
Afzal Ansari: माफिया मुख्तार अंसारी के भाई और गाजीपुर से बसपा सांसद रहे अफजाल अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने गैंगस्टर केस में अफजाल अंसारी को सुनाई गई चार साल की सजा पर फिलहाल रोक लगा दी है। अफजाल अंसारी को सजा सुनाए जाने के बाद गत एक मई को उनकी संसद सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी मगर अब उनकी सांसदी बहाल होने का रास्ता खुल गया है।
हालांकि अदालत ने अफजाल अंसारी की सजा पर रोक लगाने के साथ कुछ शर्ते भी रखी हैं। अफजाल अंसारी को सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने की अनुमति होगी मगर वे वोट नहीं डाल सकेंगे इसके साथ ही वे सांसदों को मिलने वाले भत्ते के भी हकदार नहीं होंगे। सुप्रीम कोर्ट की ओर से सजा पर रोक लगाए जाने के बाद अब अफजाल अंसारी के 2024 के लोकसभा चुनाव लड़ने का रास्ता भी साफ हो गया है। उनके फिर गाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की संभावना है।
हाईकोर्ट को 30 जून तक फैसला सुनाने का निर्देश
गाजीपुर की विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट ने अप्रैल में 2007 से जुड़े गैंगस्टर के मामले में अफजाल अंसारी को दोषी मानते हुए उन्हें चार साल की सजा सुनाई थी। सजा सुनाए जाने के बाद अफजाल अंसारी को गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि कुछ समय बाद उन्हें जमानत मिल गई थी। अदालत की ओर से सजा सुनाए जाने के बाद उनकी संसद सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी।
अफजाल अंसारी ने इस मामले को इलाहाबाद हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने शीर्ष अदालत से दोष सिद्धि पर रोक लगाने की गुजारिश की थी। इस मामले में शीर्षक अदालत ने आज अफजाल को बड़ी राहत देते हुए उनकी सजा पर फिलहाल रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को इस मामले में 30 जून, 2024 तक फैसला सुनाने का निर्देश भी दिया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी का दिया उदाहरण
अफजाल अंसारी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में केस की पैरवी की। अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी दलील में कहा कि अदालत को इस मामले के हर पहलू को देखना चाहिए, क्योंकि अगर उनकी दोषसिद्धि को निलंबित नहीं किया गया तो उनका गाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र लोकसभा में प्रतिनिधित्वहीन हो जाएगा। अफजाल संसद की विभिन्न स्थायी समितियों के सदस्य थे, जब वे सांसद नहीं रहेंगे तो इन समितियां में भी वे अपना योगदान नहीं दे पाएंगे।
अफजाल अंसारी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का उदाहरण देते हुए अपनी दोष सिद्धि पर भी रोक लगाने की मांग की थी। इस पर कोर्ट ने उन्हें बड़ी राहत देते हुए दोष सिद्धि पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला के बाद अफजाल की सांसदी बहाल होने का रास्ता खुल गया है।
2024 की जंग में उतरने का रास्ता साफ
अफजाल के मामले में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुइयां ने सजा पर रोक लगाने का फैसला दिया जबकि जस्टिस दीपांकर दत्ता इसके खिलाफ थे। इस तरह सुप्रीम कोर्ट ने दो-एक के बहुमत से अफजाल अंसारी को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब गाजीपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव नहीं हो सकेगा और अफजाल की सांसदी बहाल होने का रास्ता साफ हो गया है।
इसके साथ ही वे 2024 के लोकसभा चुनाव भी लड़ सकेंगे। अफजल ने 2019 का लोकसभा चुनाव गाजीपुर संसदीय सीट से जीता था। 2019 में उन्होंने भाजपा के कद्दावर नेता मनोज सिन्हा को हराने में कामयाबी हासिल की थी। अब उनके 2024 में भी इसी सीट से चुनाव लड़ने की संभावना है।