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Azam Khan: आज़म खान की विधायकी रद्द करने पर SC सख्त, EC और योगी सरकार से पूछा सवाल
Azam Khan: पिछले दिनों सपा नेता आज़म खान को अदालत की तरफ सज़ा सुनाए जाने के बाद विधायकी रद्द किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है. अदालत सुप्रीम कोर्ट यूपी सरकार और चुनाव आयोग से सवाल पूछा है.
Supreme Court on Azam Khan: समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आज़म खान भड़काऊ भाषण देने के मामले में पिछले दिनों तीन वर्ष की सज़ा का ऐलान किया गया है. हालांकि इस सज़ा के ऐलान के कुछ देर बाद ही उन्हें ज़मानत भी मिल गई. लेकिन इसके अगले दिन ही आज़म खान की विधायकी रद्द कर दी गई थी. इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और चुनाव आयोग सवाल पूछा है. अदालत ने कहा है कि आखिर आज़म की विधायकी रद्द करने की इतनी क्या जल्दी थी.
चुनाव आयोग और योगी सरकार को नोटिस
देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग और योगी सरकार को नोटिस जारी किया है. सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली ने सवाल किया कि आखिर आज़म खान को अयोग्य करार देने की इतनी जल्दी क्यों थी? बल्कि होना तो यह चाहिए था कि उन्हें कुछ मोहलत मिलती. नाराज़ अदालत ने यूपी सरकार की तरफ से पेश अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद से कहा कि सरकार से जवाब लेकर दाखिल किया जाए. इतना ही नहीं अदालत ने नोटिस चुनाव आयोग के स्थायी अधिवक्ता तक पहुंचाने की बात भी कही है.
चिदंबरम ने पेश की भाजपा की मिसाल
आज़म खान की तरफ से अदालत में पेश हुए दिग्गज वकील पी चिदंबरम ने पश्चिम यूपी के मुज़फ्फ़रनगर जिले की खतौली सीट के भाजपा विधायक की एक मिसाल पेश की. उन्होंने कहा कि खतौली सीट से भाजपा विधायक विक्रम सैनी भी मुजरिम करार दिए गए हैं और 2 वर्ष की सज़ा भी मिल चुकी है. इसके बावजूद वे अब भी विधायक हैं और उनकी अयोग्यता पर कोई फैसला नहीं हुआ है.
भाजपा विधायक पर क्यों नहीं हुई कार्रवाई: सुप्रीम कोर्ट
भाजपा नेता पर कार्रवाई की बात ना सुनकर अदालत ने पूछा अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद से सवाल किया गया कि भाजपा विधायक विक्रम सैनी पर कार्रवाई क्यों नहीं. अदालत ने गरिमा प्रसाद ने कहा कि खतौली असेंबली सीट केस में अब भाजपा विधायक पर अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई?सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अब 13 नवंबर को सुनवाई करेगा.