×

वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर का झगड़ा पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

वृंदावन स्थित विश्वविख्यात बांके बिहारी मंदिर के नियंत्रण और व्यवस्थाओं से जुड़े विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। मंदिर के मुख्य पुजारी गोस्वामी बंधु ने मंदिर प्रबंधन मसले पर

Anoop Ojha
Published on: 26 Dec 2017 3:52 PM GMT
वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर का झगड़ा पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
X
वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर का झगड़ा पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: वृंदावन स्थित विश्वविख्यात बांके बिहारी मंदिर के नियंत्रण और व्यवस्थाओं से जुड़े विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। मंदिर के मुख्य पुजारी गोस्वामी बंधु ने मंदिर प्रबंधन मसले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी। गोस्वामी बंधुओं ने 14 सितंबर को हाईकोर्ट के उस आदेश पर स्टे की मांग की है जिसमें मंदिर के केस 1938 में मथुरा के सिविल जज जूनियर डिविजन से हाथरस के सिविल जज जूनियर डिविजन को स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट में गोस्वामी बंधुओं की ओर से पेश याचिका में कहा गया है कि मार्च 1939 के कोर्ट आदेश के हिसाब से मंदिर का प्रशासन व प्रबंधन संपूर्ण वैधानिक अधिकार उनके पास था। गोस्वामी बिरादरी के लोगों ने ही इस मामले में पुजारी गोस्वामी बंधुओं के अधिकार को चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई चुनौती में कहा गया है कि हाईकोर्ट को मंदिर के प्रबंधन व व्यवस्था के मामले में सेक्शन 24 के अधीन आदेश का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि 1939 में मुसिंफ-सिविल जज मथुरा ने उनके पक्ष में पहले ही डिक्री कर रखी है।

मंदिर के पुजारियों ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की उस रूलिंग को भी आधार बनाया है जिसमें कहा गया है कि मुसिंफ सिविल जज मथुरा सिविल कोर्ट नहीं है बल्कि वे सिर्फ प्रशासनिक पक्ष तक ही सीमित हैं। मंदिर के मौजूदा पुजारियों ने इस बात का भी तर्क रखा है कि मौजूदा सीजन में जब कि देश विदेश के हजारों यात्री मंदिर में दशनार्थ आ रहे हैं तो बांके बिहारी मंदिर में अराजकता के हालात पैदा हो गए हैं और हालात संभालने की कोई व्यवस्था काम नहीं कर पा रही है। इसमें भोग प्रसाद की व्यवस्था, तीन बार पूजा और सुरक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। याचिका में दावा किया गया है कि कुछ निहित स्वार्थी तत्व मंदिर परिचालन में बाधाएं डालकर वैधानिक तौर पर निर्वाचित प्रबंधन समिति को काम नहीं करने दे रहे।

ज्ञात रहे कि मंदिर पुजारी आंनद गोस्वामी और जुगल गोस्वामी ने कई बार इस मंदिर को विवादों में घसीटा है।

14 सितंबर 2006 को गोस्वामी बंधुओं ने ठाकुर जी की प्रतिमा को टीशर्ट जींस,ब्रेसलेट और मोबाईल धारण करवा दिया था। जब श्रद्धालुओं ने इस पर हंगामा मचाया और इसे अपनी भावनाओं का अपमान बताया तो उन्हें इन्हें मूर्ति सेे हटा दिया गया।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story