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मतगणना में टूटे नियमों पर SC का क्‍या होगा रुख, यूपी में कोरोना ढाएगा कहर

सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर भरोसा किया और रविवार को सभी ने देखा कि प्रदेश के कई जिलों में मतगणना के दौरान सारे नियम टूट गए।

Akhilesh Tiwari
Written By Akhilesh TiwariPublished By Roshni Khan
Published on: 3 May 2021 4:07 AM GMT
Supreme Court will take action on rules broken in many districts of UP during the counting of votes
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सुप्रीम कोर्ट (सोशल मीडिया)

लखनऊ: तमाम आशंकाओं के बावजूद उत्‍तर प्रदेश निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में ठीक वैसा ही हलफनामा दिया जैसा कभी अयोध्‍या मामले में कल्‍याण सिंह की सरकार ने दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर भरोसा किया और रविवार को सभी ने देखा कि प्रदेश के कई जिलों में मतगणना के दौरान सारे नियम टूट गए। पुलिस को कई स्‍थानों पर बल प्रयोग भी करना पड़ा। सवाल है कि इस लापरवाही का खामियाजा क्‍या पूरे प्रदेश की जनता को भुगतना होगा। क्‍या कोरोना का कहर प्रदेश पर टूटेगा और इससे भी बड़ा सवाल है कि इतनी बड़ी आबादी को स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा देने के लिए क्‍या उत्‍तर प्रदेश सरकार तैयार है।

उत्‍तर प्रदेश में पंचायत चुनाव कराने का फैसला इलाहाबाद हाईकोर्ट का है लेकिन इससे पहले यूपी सरकार ने कई मामलों में हाईकोर्ट के फैसले को नहीं माना। सुप्रीम कोर्ट में अपील की। सरकारी अधिकारियों के बच्‍चों को प्राथमिक स्‍कूलों में शिक्षा दिलाने का फैसला आज तक कागजों में ही बना हुआ है। इससे साफ है कि सरकार भी वही चाहती थी, जो हाईकोर्ट ने किया और सरकार ने हाईकोर्ट की आड़ का सहारा लिया है। पंचायत चुनाव के लिए कराए गए मतदान के दौरान बड़ी तादाद में कर्मचारी कोरोना के चपेट में आए। मतगणना शुरू होने के एक दिन पहले तक 706 प्राथमिक शिक्षकों की कोरोना से मौत हो चुकी थी। इस पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई की लेकिन आयोग की दलीलों पर भरोसा करते हुए मतगणना की अनुमति दे दी।

सुप्रीम कोर्ट का टूटा भरोसा

सुप्रीम कोर्ट ने राज्‍य निर्वाचन आयोग की तैयारियों पर भरोसा किया। मतगणना की अनुमति दी। आयोग के अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि कोरोना टेस्‍ट के बाद ही मतगणना स्‍थल में लोगों को प्रवेश दिया जाएगा। मतगणना स्‍थल के बाहर भीड़ एकत्र नहीं होने देंगे लेकिन सारे वादे टूटते देखे गए। सभी ने देखा कि मतगणना स्‍थलों के बाहर भारी भीड़ जुटी रही। कई जिलों में पुलिस ने बल प्रयोग भी किया लेकिन बड़ी लापरवाही पूरे प्रदेश में देखने को मिली है। इससे स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र के विशेषज्ञ डरे हुए हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि 15 मई को देश में कोरोना पीक का समय माना जा रहा है लेकिन यूपी में पंचायत चुनाव और मतगणना में हुई लापरवाही का खामियाजा बड़ी आबादी को भुगतना पड़ सकता है। आने वाले दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों से बड़े पैमाने पर कोरोना संक्रमित मिल सकते हैं और इनके इलाज की पर्याप्‍त व्‍यवस्‍था मौजूद नहीं है। शहरी क्षेत्रों में ही मिल रहे मरीजों के मामले में स्‍वास्‍थ्‍य विभाग पस्‍त हो चुका है। संसाधन फेल हो चुके हैं ऐसे में अगर आने वाले दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति भयावह होती है तो इसके लिए प्रदेश सरकार का पंचायत चुनाव कराने का फैसला और मतगणना पर रोक नहीं लगाने संबंधी सुप्रीम कोर्ट का फैसला दोनों ही जिम्‍मेदार होंगे।

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Roshni Khan

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