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UP : प्रदेश के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण आज से, इन 12 बिंदुओं पर होगी जांच

सर्वे में यदि किसी गैर सरकारी संस्था या समूह से मदरसे संबद्ध हैं तो उसका विवरण लिया जाएगा।सर्वे के बाद सर्वेयर मदरसा संचालकों की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी पर अपना कमेंट लिखेंगे।

Ramkrishna Vajpei
Published on: 13 Sept 2022 10:24 AM IST
survey of private madrasa in up begins from today 13 september 2022
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प्रतीकात्मक चित्र 

Madrasas Survey Starts in UP : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण (Survey of Unrecognized Madrasas) आज यानी मंगलवार (13 सितंबर 2022) से शुरू हो रहा है। मदरसों का सर्वे शुरू होने से पहले ही विवादों में घिर गया है। तमाम राजनीतिक दलों ने इस सर्वे को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं।

हालांकि, विवादों के बीच योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) सरकार की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है, कि सरकार का मकसद मदरसों को मुख्यधारा में लाना है। और सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि मदरसों पर बुलडोजर नहीं चलेगा। सर्वेक्षण टीम को 15 अक्टूबर तक यह काम पूरा करना है, 25 अक्टूबर को सरकार को रिपोर्ट सौंप देनी है।

इन 12 बिंदुओं पर होगा मदरसे का सर्वे

सरकार ने मदरसों के सर्वे के बिन्दु पहले ही निर्धारित कर दिए हैं। सरकार की ओर से जो फार्मेट जारी किया गया है उसमें 12 बिंदु रखे गए हैं। इस सर्वे का उद्देश्य इस बारे में जानकारी जुटाना है कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का संचालन कैसे किया जाता है? इन मदरसों को पैसा कहां से मिलता है। और इन मदरसों में बच्चों को क्या पढ़ाया जाता है।

गौरतलब है कि हाल के दिनों में पकड़े गए तमाम उग्रवादी या गुमराह हुए बच्चे मदरसों की तालीम लेकर निकले थे। जिसके बाद सरकार का ध्यान इस ओर गया है कि मदरसों को मुख्यधारा से कैसे जोड़ा जाए।

सर्वे का विरोध कर रही मुस्लिम संगठन

हालांकि समाजवादी पार्टी और कुछ मुस्लिम संगठन इस सर्वे का विरोध कर रहे हैं। जबकि यूपी के अल्पसंख्यक मंत्री दानिश अंसारी इस बारे में सरकार का पक्ष स्पष्ट कर चुके हैं कि सर्वे का मकसद मदरसों को मुख्यधारा में लाना है। सरकार मदरसों को शिक्षा के आधुनिक तरीकों से जोड़ने की कवायद कर रही है, ताकि अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चे अन्य स्कूलों से किसी बात में पीछे न रहें।

मदरसों में मिल रही क्या-क्या सुविधाएं?

जानकारी के अनुसार, मदरसों के सर्वे में उनका (मदरसों) नाम, संचालित करने वाली संस्था का नाम, स्थापना का वर्ष, मदरसों की स्थिति यानी निजी भवन में चल रहा है या किराए के भवन में, ये भवन छात्र-छात्राओं के लिए कितने उपयुक्त हैं या छात्रों को यहां क्या-क्या सुविधाएं हैं। प्रत्येक मदरसे में छात्र- छात्राओं की कुल संख्या, शिक्षकों की कुल संख्या क्या है? बच्चों को क्या पाठ्यक्रम पढ़ाया जा रहा है? आय का स्रोत क्या है?

यदि किसी गैर सरकारी संस्था या समूह से मदरसे संबद्ध हैं तो उसका विवरण लिया जाएगा। सर्वे के बाद सर्वेयर मदरसा संचालकों की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी पर अपना कमेंट लिखेंगे। इसके बाद शासन को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी।



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Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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