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यूपी सरकार ने किसानों की आय दोगुना करने को बनायी आठ सूत्रीय रणनीति
यूपी के किसानों की साल 2022 तक आय दोगुना करने के लिए सरकार ने रोड मैप तैयार किया है। आठ सूत्रीय रणनीति बनाकर कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
लखनऊ: यूपी के किसानों की साल 2022 तक आय दोगुना करने के लिए सरकार ने रोड मैप तैयार किया है। आठ सूत्रीय रणनीति बनाकर कार्यवाही शुरू कर दी गई है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बुधवार को विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार के छह महीने पूरे होने पर उपलब्धियां गिनाईं।
शाही ने कहा कि कृषकों को सब्सिडी डीबीटी के माध्यम से बैंक खाते में दी जा रही हैं। किसानों को सुविधाएं पारदर्शी तरीके से मिले, इसलिए उनका ऑनलाइन पंजीकरण कराया जा रहा है।
रबी 2017-18 में कुल 48.12 लाख कुंटल उन्नतशील प्रजातियों के प्रमाणित बीज की व्यवस्था की गई है। इसमें से 9.40 लाख कुंटल बीज किसानों को अनुदान पर उपलब्ध कराया जाएगा। गेहूं के 8.36 लाख कुंतल, दलहनी फसलों के एक लाख और तिलहनी फसलों के 0.33 लाख कुंतल अनुदानित बीज की व्यवस्था।
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दलहनी-तिलहनी फसलों की उन्नतशील प्रजातियों के 3.40 लाख बीज मिनीकिट (13814 कुंतल) की व्यवस्था की गई है। यह किसानों को नि:शुल्क वितरित किया जा रहा है।
गेहूं और जौ की 10 वर्ष से कम अवधि की अधिसूचित प्रजातियों पर सरकार ने अनुदान में 50 फीसदी की बढोत्तरी की है। गेहूं और जौ के प्रमाणित बीजों पर 400 रुपए प्रति कुंतल के स्थान पर 600 रुपए प्रति कुंटल का अनुदान सरकार देगी।
पहली बार यूपी बीज विकास निगम से पंजीकृत कृषि उत्पाद संगठनों एग्रीजंक्शन को सशक्त बनाने के लिए अनुदान पर प्रमाणित बीज वितरण के लिए अधिकृत किया गया है।
वर्तमान रबी से किसानों को बीज खरीद के लिए अनुदान की व्यवस्था अब तीन वर्ष के स्थान पर हर दूसरे वर्ष कर दी गई है। इसके अधिक से अधिक किसान अनुदान पर बीज प्राप्त कर सकेंगे।
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किसानों को ग्रामीण इलाकों में ही उन्नत कृषि यंत्र खरीदने, मरम्मत कराने या किराये पर उपलब्ध कराने के लिए 735 फार्म मशीनरी बैंक और 98 कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। इससे किसानों को सस्ते में यंत्र उपलब्ध हो सकेंगे।
मार्च 2018 तक प्रदेश के सभी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराया जाना है। राज्य के कुल 233 लाख कृषक परिवारों के सापेक्ष अब तक 109 लाख कृषकों को लैमिनेटेड मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराये जा चुके हैं। यह कार्ड विभागीय वेबसाइट पर आनलाइन भी उपलब्ध हैं। इसे आनलाइन मोबाइल पर भी देखा जा सकता है।