×

स्वच्छता मिशन में ही गंदगी: सफाई की व्यवस्था नहीं, स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा

जिला शहरी विकास अभिकरण (डूडा) ने मलिन बस्तियों और इन आबादियों की ओर से मुंह मोड़ लिया है। मुरादाबाद को स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा तो कर दी गई लेकिन शहर की सफाई की कोई कवायद शुरू नहीं हो सकी है। मलिन बस्तियों में तो खुले में शौच करना आम बात है। यह स्थिति सैकड़ो गांवों की भी है।

zafar
Published on: 30 Sep 2016 8:01 AM GMT
स्वच्छता मिशन में ही गंदगी: सफाई की व्यवस्था नहीं, स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा
X

cleanliness mission foul-toilets

अंकित गोस्वामी

मुरादाबाद: मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी ‘स्वच्छ भारत मिशन’ बहुत जोर-शोर से शुरू किया गया लेकिन समय बीतने के साथ इसकी तस्वीर धुंधली नजर आ रही है। मिशन का जो असर होना चाहिए था वह कहीं नजर नहीं आ रहा और यह तस्वीर अकेले एक शहर की नहीं है।

मुरादाबाद की ही बात करें तो यहां के अधिकांश मोहल्लों में आज भी सैकड़ों वर्ष पुरानी परंपरा चालू है। यहाँ के बाशिंदे स्वच्छ शौचालयों के बजाए शुष्क शौचालयों का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे परिवारों की संख्या अच्छी खासी है और इनमें जागरूकता लाने के तमाम प्रयास बेमानी साबित हुए हैं।

सफाई नहीं

जिला शहरी विकास अभिकरण (डूडा) ने मलिन बस्तियों और इन आबादियों की ओर से मुंह मोड़ लिया है। मुरादाबाद को स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा तो कर दी गई लेकिन शहर की सफाई की कोई कवायद शुरू नहीं हो सकी है। मलिन बस्तियों में तो खुले में शौच करना आम बात है। यह स्थिति सैकड़ो गांवों की भी है।

शौचालयों का निर्माण

चालू वित्तीय वर्ष में ९२३० स्वच्छ शौचालयों का निर्माण कराने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके तहत लोहिया गांवों में २९२९ शौचालयों का निर्माण कराया जाएगा और इसके लिए प्रति शौचालय १२ हजार रुपए रखे गए हैं।

करोड़ों खर्च नतीजा सिफर

केंद्र व यूपी सरकार द्वारा स्वच्छता अभियान पर अब तक २६ करोड़ रुपए खर्च होने के बावजूद स्थिति ज्यों की त्यों है। उदाहरण के तौर पर, ब्लाक डिलारी में ५२ ,ठाकुरद्वारा में ४०,भगतपुर टांडा में ४२, मुरादाबाद में ३०,बनियाखेड़ा में २०, कुंदरकी में ७९,बिलारी में ३०,छजलैट में २० और मुंडापाण्डेय में ५० ग्राम पंचायतों में अभी तक २५ फीसदी से अधिक ग्रामीण शुष्क शौचालयों का इस्तेमाल कर रहे है। मुरादाबाद ब्लॉक में ही परिवारों की संख्या ३७०७६ है लेकिन शौचालय हैं सिर्फ १७२३८। लोहिया गांवों में शौचालय की भी यही हाल है। जैसे कि सहसपुर में 1829 शौचालयों का लक्ष्य है लेकिन अभी तक बन पाए हैं सिर्फ सौ।

महानगर में शौचालयों की स्थिति

कुल परिवार : १,२५,९४१

स्वच्छ शौचालय : १ लाख

ग्रामीण इलाकों की स्थिति

कुल परिवार : ३,४१,७८६

स्वच्छ शौचालय नहीं हैं : १,२०,८८६

डूडा ने डेढ़ दशक से शौचालयों का निर्माण कराना बन्द कर दिया है। संस्था अब ‘आसरा’ व राजीव गांधी आवास योजना के तहत आवासों का निर्माण करा रही है।

सतीश कुमार, परियोजना अधिकारी डूडा

आगे स्लाइड्स में देखिए कुछ और फोटोज...

cleanliness mission foul-toilets

cleanliness mission foul-toilets

(फोटो साभार: खबर.आईबीएन)

zafar

zafar

Next Story