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4 जनवरी से 4041 शहरों के बीच स्वच्छता सर्वे शुरू, पहले 60 शहरों की स्थिति थी खराब

Rishi
Published on: 6 Jan 2018 8:01 PM IST
4 जनवरी से 4041 शहरों के बीच स्वच्छता सर्वे शुरू, पहले 60 शहरों की स्थिति थी खराब
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लखनऊ : यूपी में चार जनवरी से 4041 शहरों के बीच स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू हो गया है। सन 2017 में यह सर्वे 434 शहरों के बीच किया गया था। उस सर्वे में 60 शहरों की​ स्थिति संतोषजनक नहीं थी। नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के मुताबिक अब शहरों की स्थिति बेहतर बनाने के लिए सरकार ने कमर कस ली है। सीएम खुद स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम की लगातार मानीटरिंग कर रहे हैं। कोशिश है कि 2018 में यूपी के शहर अपने-अपने क्षेत्र में स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 के मापदण्डों पर अच्छा प्रदर्शन कर सकें।

खन्ना के मुताबिक शहर साफ होने पर भी पब्लिक से जानकारी ली जाएगी। जनता के जवाब के आधार पर शहरों की रैंकिंग तय होगी। जनता का जैसा जवाब होगा, वैसा ही रिजल्ट मिलेगा। सर्वेक्षण में कुल चार हजार अंक हैं। इसमें से 1400 अंक सिटीजन फीडबैक के हैं। जिस शहर में स्वच्छता का ऐप जितना ज्यादा डाउनलोड होगा, उस शहर को ज्यादा अच्छी रैंकिंग मिलेगी। उन्होंने कहा कि 10 हजार लोगों पर 28 हजार सफाई कर्मचारी का मानक है। अफसरों को उस पर अमल करने को कहा गया है। बिना जन सहयोग के यह संभव नहीं है।

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शेल्टर होम में लोग नहीं आ रहे, इसकी मानसिकता बड़ी वजह

सुरेश खन्ना ने कहा कि रैन बसेरों को लेकर केंद्र से जो धन आता है, शासन स्तर पर उसकी समीक्षा करते हैं। अब तक 20412 लोग शेल्टर होम में आश्रय ले चुके हैं। किसी को खींच कर लाया भी नहीं जा सकता। आने वालों को सम्मान के साथ रखा जाता है। लोगों की मानसिकता भी होती है। कोई खुद को फाइव स्टार होटल में सुरक्षित महसूस नहीं करता है लेकिन गेस्ट हाउस में खुद को सुरक्षित मानता है। मानसिकता भी बड़ी वजह है कि लोग शेल्टर होम में नहीं आ रहे हैं।

अफसरों के भरोसे कुछ नहीं छोड़ा जाएगा, खुद करेंगे मानीटरिंग

नगर विकास मंत्री ने यह भी कहा कि स्कूली छात्रों के बीच स्वेटर बांटने की मानीटरिंग हम करेंगे। शीत लहर में गरीबों को कम्बल बांटने की भी मानीटरिंग की जा रही है। अफसरों के भरोसे कुछ भी नहीं छोड़ा जाएगा।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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