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स्वच्छता धर्म बने-स्वच्छता संस्कार बने: स्वामी चिदानन्द सरस्वती

परमार्थ निकेतन शिविर अरैल सेक्टर 18 प्रयागराज में स्वच्छता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले स्वच्छता ग्राही एवं सफाईकर्मियों को सम्मानित किया गया। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने स्वयं अपने हाथों से स्वच्छता ग्राहियों को भोजन प्रसाद परोसा।

Anoop Ojha
Published on: 20 Feb 2019 7:27 PM IST
स्वच्छता धर्म बने-स्वच्छता संस्कार बने: स्वामी चिदानन्द सरस्वती
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आशीष पाण्डेय

कुम्भ नगर: परमार्थ निकेतन शिविर अरैल सेक्टर 18 प्रयागराज में स्वच्छता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले स्वच्छता ग्राही एवं सफाईकर्मियों को सम्मानित किया गया। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने स्वयं अपने हाथों से स्वच्छता ग्राहियों को भोजन प्रसाद परोसा। स्वच्छता सेवक सम्मान समारोह का शुभारम्भ परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती, राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग नई दिल्ली के अध्यक्ष मनहर वालजी भाई जाला,कथाव्यास मुरलीधर महाराज, डॉ साध्वी भगवती सरस्वती,अपर नगर आयुक्त ऋतु सुहास,जर्मनी में जन्मे स्वामी परमाद्वैती और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर किया।

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स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि संत भीतर की स्वच्छता करते हैं और स्वच्छता दूत बाहरी परिवेश की स्वच्छता रखते है। हमें भीतर और बाहर दोनों ही स्वच्छताओं पर ध्यान रखने के लिये अपनी सोच को बदलना होगा। स्वच्छता ग्रही भाई-बहनों की लगन और मेहनत का परिणाम है कि विश्व का सबसे बड़ा मेला जिसने विश्व पटल पर स्वच्छ, सुरक्षित, दिव्य कुम्भ और भव्य कुम्भ का आदर्श स्थापित किया है।

कुम्भ मेला में लगभग 20 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई परन्तु स्वच्छता ग्रही बंधुओं के उत्कृष्ट प्रयासों से कहीं पर भी गंदगी नहीं थी। कुम्भ में स्वच्छता के विभिन्न आयामों को ध्यान में रखकर समग्र स्वच्छता की रूपरेखा तैयार की गयी है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता और स्वास्थ्य का सीधा सम्बध राष्ट्र के विकास और समृद्धि से है। साफ-सफाई करना अछूतों का काम नहीं है। दुनिया में कोई भी अछूत नहीं है। मानव मानव एक समान सब के भीतर है भगवान।

उन्होंने कहा,सफाई करना किसी एक वर्ग का काम नहीं है। स्वच्छता तो संस्कार है जो हर व्यक्ति के अन्दर होना चाहिये। स्वामी जी महाराज ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में स्वच्छता का महत्व है। स्वच्छता के अभाव में बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू जैसे रोग हो रहे हैं। उन्होने कहा कि जीवन में मेडिटेशन से आवश्यक है सैनिटेशन आईये स्वच्छता को जीवन का अंग बनाये और स्वच्छता के पैरोकार बने। चिदानन्द ने कहा कि गांधी जी के सपने को साकार करने के लिये देश के ऊर्जावान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने झाडू उठाकर स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से पूरे देश को स्वच्छता का संदेश दिया, आईये हम भी इस अभियान को अपना मिशन बनाये और सफाई, सच्चाई और ऊंचाई के रास्ते पर चले तथा भारत को स्वच्छ, स्वस्थ और समृद्ध भारत बनाये।

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राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष मनहर वालजी भाई जाला जी ने कहा कि मेरा तो यही संगम स्नान है कि मेरे स्वच्छता ग्रहियों का सम्मान हो रहा है। इसके लिए स्वामी चिदानन्द सरस्वती को कोटि-कोटि धन्यवाद देते हुये कहा कि कुम्भ जैसे आध्यात्मिक आयोजन में स्वच्छता ग्रही भाई बहनों का सम्मान करना वास्तव में परिवर्तनकारी सोच है। ऐसे आयोजनों से स्वच्छता को हर दिल में स्थान मिलगा साथ ही स्वच्छता सेवकों के प्रति जो नजरिया है वह भी बदलेगा।

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जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि महात्मा गांधी जी का मानना था कि साफ-सफाई, ईश्वर भक्ति के बराबर है। बापू ने कहा कि स्वच्छता, स्वतंत्रता से भी ज्यादा जरूरी है स्वच्छता, हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है अतः स्वच्छता को अंगीकर कर आगे बढ़े। कथाव्यास मुरलीधर ने कहा कि कुम्भ के इतिहास में पहली बार हमने इतनी स्वच्छता देखी वास्तव में सभी स्वच्छता ग्रही साधुवाद और अभिनन्दन के पात्र है।

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इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने वैश्विक स्तर पर स्वच्छ, स्वस्थ एवं हरित धरा के निर्माण का संकल्प कराया। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग से डॉ दिनेश कुमार पटेल , जल निगम जे. ई. मुकेश कुमार पाल , विद्युत विभाग एस डी. ओ. बी के पाल और सैकड़ों की संख्या में स्वच्छता सेवकों ने सहभाग किया।



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Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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