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Swami Prasad Controversy: स्वामी प्रसाद के बिगड़े बोल पर भड़के साधु-संत, महराज परमहंस दास ने अखिलेश यादव से की मांग

Swami Prasad Controversy: रविवार को सपा नेता ने हिंदू धर्म पर एक ऐसी विवादित टिप्पणी की, जिससे बवाल मच गया है। अयोध्या के साधु-संत मौर्य के बयान पर भड़के हुए हैं।

Krishna Chaudhary
Published on: 29 Aug 2023 6:38 AM GMT (Updated on: 29 Aug 2023 6:58 AM GMT)

Swami Prasad Controversy: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के बिगड़े बोल ने एकबार फिर यूपी की राजनीति को गरमा दिया है। कभी रामचरितमानस तो कभी सवर्ण समाज को निशाने पर लेने वाले मौर्य लगातार अपने विवादित बयानों की वजह से सुर्खियों में हैं। इस बीच रविवार को सपा नेता ने हिंदू धर्म पर एक ऐसी विवादित टिप्पणी की, जिससे बवाल मच गया है। अयोध्या के साधु-संत मौर्य के बयान पर भड़के हुए हैं।

अयोध्या स्थित तपस्वी छावनी मंदिर के मुख्य पुजारी महंत परमहंस दास स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से इतने नाराज हुए कि वे लखनऊ सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से शिकायत करने पहुंच गए। मंगलवार को लखनऊ पहुंचे दास की सपा मुखिया के आवास पर गौतमपल्ली इंस्पेक्टर से नोंकझोंक हो गई। दरअसल, अखिलेश की आवास को ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे परमहंस दास को इंस्पेक्टर रोक रहे थे। इसी को लेकर वे उनसे नाराज हो गए और देखते ही देखते गरमगरम बहस हो गई। फिर अन्य लोगों ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया।

अपनी अलग पार्टी बनाने के फिराक में स्वामी प्रसाद

स्वामी प्रसाद मौर्य की शिकायत करने लखनऊ पहुंचे तपस्वी छावनी मंदिर के मुख्य पुजारी महंत परमहंस दास की अखिलेश यादव से मुलाकात नहीं हो पाई क्योंकि वे चुनाव-प्रचार को लेकर मऊ गए हुए हैं। सपा मुखिया के आवास के बाहर मीडिया से बात करते हुए दास ने अखिलेश यादव से स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी से बाहर निकालने की मांग की है।

उन्होंने सपा मुखिया को चेताते हुए कहा कि पूर्व कैबिनेट मंत्री मौर्य अपनी अलग पार्टी बनाने में जुटे हुए हैं। उनकी हिंदू विरोधी बयानबाजी से सपा को भी नुकसान होगा। बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने जब रामचरितमानस को लेकर विवादित टिप्पणी की थी, तब इन्हीं महंत परमहंस दास ने मौर्य का सिर काटकर लाने वालों को 500 रूपये इनाम देने की घोषणा की थी।

अन्य साधु-संत भी जता चुके हैं नाराजगी

अयोध्या के अन्य साधु-संत भी पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की विवादित टिप्पणी पर अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य बौखला गए हैं। उनको बोलने का ज्ञान नहीं हैं, वे ऊटपटांग बोलते हैं।

हनुमानगढ़ के पुजारी राजू दास ने सपा नेता के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि उनका बयान हिंदुओं को बांटने की साजिश है। उन्होंने अखिलेश यादव से स्वामी प्रसाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। वहीं, जगतगुरू राम दिनेशाचार्य ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे लोग भारतीय परंपरा के ताने-बाने को मिटाना चाहते हैं। ऐसे लोगों के विरूद्ध कार्रवाई होनी चाहिए।

स्वामा प्रसाद के किसी बयान पर बरपा है हंगामा ?

अपने विवादित बयानों के लिए कुख्यात सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार को एक कार्यक्रम में बोलते हुए हिंदू धर्म की तीखी निंदा कर दी। उन्होंने कहा, ब्राह्मणवाद की जड़े बहुत गहरी है और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है। हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है। सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में फंसाने की एक साजिश है। अगर हिंदू धर्म होता तो आदिवासियों का भी सम्मान होता है, दलितों का भी सम्मान होता, पिछड़ों का भी सम्मान होता लेकिन क्या विडंबना है।

बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य का ये बयान ऐसे समय में आया है, जब उन्हीं की पार्टी की नेता और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव का एक बयान सुर्खियों में है। डिंपल ने कहा था कि हम लोग हिंदू धर्म हैं। हिंदू धर्म सनातम धर्म है और सनातन धर्म में कोई दुश्मन नहीं होता है। उनके इस टिप्पणी को सपा के डैमेज कंट्रोल और नरम हिंदुत्व के सियासी दांव के रूप में देखा जा रहा था।

Krishna Chaudhary

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