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Lucknow: हनुमान मंदिर में प्रवेश पर रोक के बाद स्वामी प्रसाद मौर्या बोले- जहां भेदभाव हो, ऐसे मंदिर में न कभी गया, न जाऊंगा

Ramcharitmanas Controversy: स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस पर दिए विवादित बयान के बाद लखनऊ स्थित लेटे हुए हनुमान जी के मंदिर के सामने उनके प्रवेश वर्जित का बैनर लगाया गया।

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Written By amanReport Ashutosh Tripathi
Published on: 25 Jan 2023 11:58 AM IST (Updated on: 25 Jan 2023 12:00 PM IST)
Ramcharitmanas Controversy
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लेटे हुए हनुमान जी के मंदिर के सामने प्रवेश वर्जित का लगा बैनर (Photo: Ashutosh Tripathi)

Ramcharitmanas Controversy: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya ) के रामचरितमानस पर दिए विवादित बयान पर लोगों का गुस्सा सामने आने लगा है। मंदिर के पुजारी भी प्रतिक्रिया देने लगे हैं। इसी कड़ी में राजधानी लखनऊ स्थित लेटे हुए हनुमान जी के मंदिर के सामने स्वामी प्रसाद मौर्या के प्रवेश वर्जित का बैनर लगाया गया है। इसके बाद स्वामी प्रसाद ने ट्वीट कर जवाब दिया है।

स्वामी प्रसाद ने ट्वीट कर कहा है कि लखनऊ, पकापुल के पास लेटे हुए हनुमान मंदिर में पुजारियों द्वारा प्रतिबंध हास्यास्पद है, अपने पूरे जीवन में इस मंदिर में न कभी गया था न कभी जाऊंगा। जहां भेदभाव हो वहां जाने की जरूरत क्यों। गौरतलब है कि, स्वामी प्रसाद के इस बयान के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी नाराज बताए जा रहे हैं। सपा के भीतर पहले से खलबली मची है। बताया जाता है सपा सुप्रीमो ने पार्टी के कई नेताओं से इस संबंध में बात भी की। जब से स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर विवादित बोल बोले हैं, तब से उनकी पार्टी के कुछ नेता दबी आवाज़ में तो कुछ खुलकर बयानबाजी कर रहा है।

राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया

स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस पर विवादित बयान के बाद यूपी की राजनीति तेज हो गई है। सपा नेता के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बाद अब महान दल (Mahan Dal) के अध्यक्ष केशव देव मौर्य (Keshav Dev Maurya) की भी प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा, कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने ऐसे समय पर ये बात उठाई जब 2024 के लोकसभा चुनाव नजदीक हैं। इससे हिंदू समाज नाराज होगा। इसका खामियाजा समाजवादी पार्टी को निकट भविष्य में भुगतना पड़ेगा।

स्वामी प्रसाद के खिलाफ थाने में दी तहरीर

इस बीच, प्रदेश के कई जिलों में भी स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान के खिलाफ प्रदर्शन हुए। कई जगह पुतले जलाए गए। भाजयुमो युवा कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को वीर विनय चौराहे पर स्वामी प्रसाद का पुतला जलाया।भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं ने स्वामी प्रसाद पर केस दर्ज करने के लिए तहरीर भी दी है। तहरीर में कहा गया है कि रामचरितमानस की चौपाई और दोहे पर टिप्पणी से हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई है। जगह-जगह कार्यकर्ताओं ने स्वामी प्रसाद के खिलाफ नारेबाजी भी की।

स्वामी प्रसाद के बयान पर संतों की नाराजगी भी सामने आ रही है। माघ मेले पर लगे शिविरों में भी सपा नेता के बयान पर नाराजगी देखी जा रही है। शिविरों में सत्संग के दौरान भी खुलकर कई संत बोल चुके हैं। संतों की तरफ से मांग उठ रही है कि ऐसे विवादित बोल बोलने वालों पर प्रतिबंध लगाया जाए। संत समाज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ऐसी टिप्पणियों पर कार्रवाई की मांग की है।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने क्या दिया था बयान?

स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को बैन करने की मांग करते हुए तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस की एक चौपाई ढोल-गंवार-शूद्र-पशु-नारी। ये सब ताड़न के अधिकारी। का जिक्र किया। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, कि इस तरह की पुस्तकें अनुमन्य कैसे हैं? इनको तो जब्त किया जाना चाहिए और खत्म कर देना चाहिए। मौर्य ने कहा कि महिलाएं सभी वर्ग की हैं। क्या उनकी भावनाएं आहत नहीं हो रही हैं। इन महिलाओं में सभी वर्ग की महिलाएं शामिल हैं। एक तरफ कहोगे- यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता। दूसरी ओर तुलसी बाबा से गाली दिलवाकर उनको कहोगे कि नहीं, इनको डंडा बरसाइए। मारिये-पीटिये। अगर यही धर्म है, तो ऐसे धर्म से हम तौबा करते हैं।'



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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