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स्वामी प्रसाद मौर्य ने नवरात्रि को दिया नौटंकी का दर्जा, साधू-संतो को बताया आतंकवादी

Sonbhadra News: सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट गोवंश आश्रम स्थल पर भी सवाल उठाते हुए, जानवरों के लिए पाठशाला खोलने तक की वकालत कर डाली।

Kaushlendra Pandey
Published on: 12 Feb 2023 8:21 PM IST
Swami Prasad Maurya Controversial Statement
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Swami Prasad Maurya Controversial Statement

Sonbhadra News: राबटर्सगंज तहसील के मऊकला गांव में आयोजित बौद्ध महोत्सव के मंच से कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने आए सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्या ने जमकर सियासी निशाना साधा। जहां मानस की कई चौपाइयों पर सवाल उठाए। वहीं साधू-संतोें को आतंकवादी-कसाई का दर्जा देने के साथ ही, नवरात्रि में की जाने वाली शक्ति पूजा तक को नौटंकी का दर्जा दे डाला। मोहन भागवत की तरफ से जातिवादी व्यवस्था पर की गई टिप्पणी को लेकर भी कई तरह के सवाल उठाए। सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट गोवंश आश्रम स्थल पर भी सवाल उठाते हुए, जानवरों के लिए पाठशाला खोलने तक की वकालत कर डाली।

रामचरित मानस धर्मग्रंथ नहीं है बल्कि तुलसीदास द्वारा स्वयं की खुशी और आनंद के लिए रचित ग्रंथ है-स्वामी प्रसाद

स्वामी प्रसाद मौर्या शुरू से ही मानस की चौपाइयों को लेकर एक वर्ग विशेष और भाजपा पर हमलावर रहे. और उन्होंने इसके जरिए सियासी गोटी बिठाने की भी भरपूर कोशिश की। श्रीरामचरित मानस की चैपाई ढोल, गंवार, शूद्र, पशु, नारी, सकल तोड़ना के अधिकारी.. का जिक्र करते हुए कहा कि यह धर्मग्रंथ नहीं है बल्कि तुलसीदास द्वारा स्वयं की खुशी और आनंद के लिए रचित ग्रंथ है। इसलिए इसमें जो भी चौपाइयां सामाजिक भेटभाव को बढ़ावा देे रही हैं और नीच-अधम जाति का उल्लेख करते हुए एक बडे़ वर्ग को अपमानित कर रही हैं, उसे हटा दिया जाना चाहिए। कहा कि अगर मोदी-योगी सरकार इसे नहीं हटाती है तो प्रदेश में जैसे ही सपा की सरकार बनेगी, इसे हटा दिया जाएगा। मानस की चौपाई ...ढोल, गंवार, शूद्र, पशु नारी... वाली चौपाई के जरिए नारी सम्मान का भी खूब मसला उछाला।

जब तक जिंदा देवियों के मान-सम्मान होता, तबतक शक्ति पूजा के नाम ढोंग बंद हो-स्वामी

साथ ही नवरात्रि में शक्ति पूजा पर सवाल उठाते हुए कि जब तक जिंदा देवियों के मान-सम्मान की रक्षा नहीं शुरू नहीं हो जाती, तब तक शक्ति पूजा के नाम पर होने वाली नौटंकी बंद कर देनी चाहिए। गीता प्रेस गोरखपुर पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जैसे ही उन्होंने ताड़ना शब्द पर सवाल उठाया। वैसे ही इसका अर्थ शिक्षा बताते हुए गीता प्रेस ने हजारो नईं प्रतियां छाप डाली।। जबकि पुरानी प्रतियों में ऐसा नहीं है।

गोशाला की जगह जानवरों की पाठशाला खोल दें ताकि यहां जानवर पढ़े

ताड़ना का अर्थ शिक्षा शब्द के जरिए सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट गोवंश आश्रम स्थल पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर ताड़ना शब्द का अर्थ शिक्षा मान भी लिया जाए तो योगी सरकार को गोशाला की जगह जानवरों की पाठशाला खोल दिया जाना चाहिए ताकि वहां बकरी, गदहा, खच्चर जैसे जानवर पढ़ सकें। बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कारों को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनमें इतनी ही बड़ी शक्ति है तो वह सीमा पर आतंक मचा रहे चीन को भस्म क्यों नहीं कर देते। स्वामी प्रसाद यहीं नहीं रूके बल्कि साधू-संतों पर सवाल उठाते हुए उन्हें आतंकवादी-कसाई तक का दर्जा दे डाला। कहा कि अब उनके जप-तप में कोई शक्ति नहीं रह गई हैं। इसीलिए अब वह श्राप नहीं दे पा रहे हैं। उसकी जगह मारने-काटने, आतंकवादियों-कसाइयों सरीखे हिंसा वाले बयान दे रहे हैं।

महोत्सव में ये मौजूद रहे

इससे पूर्व जहां स्वामी प्रसाद मौर्य का गर्मजोश स्वागत किया गया। वहीं झंडारोहण, राष्ट्रगान और दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। उन्हें तथागत बुद्ध से जुड़े मोमेंटो के साथ ही बड़ी माला भेंट की गई। आदिवासी नृत्य करमा की प्रस्तुति दी गई। उन्हें आदिवासी चिन्ह तीर-धनुष और आदिवासी टोपी भी भेंट की। महोत्सव आयोजन समिति के मुख्य संरक्षक एवं पूर्व सपा विधायक अविनाश कुशवाहा, संस्थापक सुजीत कुमार मौर्य, सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रामनिहोर यादव, चकिया के पूर्व विधायक जितेंद्र कुमार, बसपा नेता नितेश कुशवाहा, संजय कुमार सिंह सहित अन्य मौजूद रहे।

Anant kumar shukla

Anant kumar shukla

Content Writer

अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

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