TRENDING TAGS :
क्या स्वामी प्रसाद मौर्य भी अखिलेश यादव को कहेंगे बाय-बाय? इस वजह से अटकलें हुई तेज
Swami Prasad Maurya: यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले स्वामी प्रसाद प्रदेश की सत्ता में काबिज बीजेपी का साथ छोड़ सपा में शामिल हुए थे।हालांकि, स्वामी प्रसाद मौर्य का पार्टी बदलने का पुराना इतिहास रहा है।
Samajwadi Party News : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में सब कुछ ठीक है, ऐसा कहा नहीं जा सकता। पार्टी में लगातार बगावती सुर उठने लगे हैं। बगावत की ये आग आजम खान (azam khan), शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) के रास्ते अब स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) तक पहुंचती दिख रही है। ये कयास इसलिए लगाए जा रहे हैं, क्योंकि स्वामी प्रसाद मौर्य के भतीजे प्रमोद मौर्य ने सपा से इस्तीफा।
बता दें कि, प्रमोद मौर्य समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव हैं। उन्होंने पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को अपना इस्तीफा भेज दिया है। इस्तीफे में प्रमोद मौर्य ने कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं।
क्या लगाए आरोप?
समाजवादी पार्टी में बड़े पद को संभाल रहे प्रमोद मौर्य ने लिखा है, कि पार्टी में मौर्य, कुशवाहा, शाक्य और सैनी समाज की उपेक्षा हो रही है। प्रमोद के इन गंभीर आरोपों पर पार्टी की तरफ से फिलहाल कोई बयान नहीं आया है। लेकिन, आए दिन किसी न किसी के द्वारा इस तरह के सवाल उठाए जाने से पार्टी की फजीहत जरूर हो रही है।
क्या स्वामी प्रसाद भी अखिलेश को देंगे झटका?
अब ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता है, कि क्या आने वाले समय में स्वामी प्रसाद मौर्य भी अखिलेश यादव का साथ छोड़ सकते हैं? गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के ठीक पहले स्वामी प्रसाद प्रदेश की सत्ता में काबिज भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़ सपा में शामिल हुए थे। हालांकि, स्वामी प्रसाद मौर्य का पार्टी बदलने का पुराना इतिहास रहा है।
कौन हैं प्रमोद मौर्य?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रमोद मौर्य पूर्व में प्रतापगढ़ के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं। प्रमोद साल 2018 की शुरुआत में बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हुए थे। कहा जाता है कि, जब वो समाजवादी पार्टी में शामिल हो रहे थे तब उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य को भी पार्टी ज्वाइन करने को कहा था। हालांकि, तब भले ही स्वामी प्रसाद सपा में नहीं आए मगर देर-सबेर आ ही गए। जैसा कि आपको पहले ही बताया स्वामी प्रसाद मौर्य विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी का साथ छोड़ सपा में शामिल हुए थे।
फाजिलनगर से हार गए थे सीट
ये अलग बात है कि यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को मिट्टी में मिला देने का दावा करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य खुद अपनी सीट भी नहीं बचा पाए। उन्हें फाजिलनगर से हार का सामना करना पड़ा। स्वामी प्रसाद अक्सर अपने बड़बोले बयानों की वजह से सुर्खियों में रहते हैं।