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विवादित बयान पर स्वामी प्रसाद ने कर दिया अखिलेश के समर्थन का दावा, क्यों चुप हैं सपा सुप्रीमो?

Ramcharitmanas controversy: स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा के अंदर अपने विरोधियों को चुप कराते हुए इस प्रकरण में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव का मौन समर्थन होने की बात कही है।

Krishna Chaudhary
Published on: 27 Jan 2023 8:16 AM GMT (Updated on: 27 Jan 2023 8:29 AM GMT)
Ramcharitmanas controversy
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स्वामी प्रसाद मौर्य व सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव (Pic: Social Media)

Ramcharitmanas controversy: पवित्र धर्मग्रंथ रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी करने वाले समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधान परिषद के सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य पर करोड़ो हिंदुओं की भावनाएं आहत करने का आरोप लगा है। विपक्ष के अलावा अपनी पार्टी के अंदर से भी हमले का सामना कर रहे सपा नेता ने बड़ा दावा कर दिया है। मौर्य ने सपा के अंदर अपने विरोधियों को चुप कराते हुए इस प्रकरण में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव का मौन समर्थन होने की बात कही है। उनके इस दावे ने प्रदेश में सियासी हलचल मचा दी है।

'मुझे अखिलेश का समर्थन है'

रामचरितमानस को बैन करने की मांग कर विवाद का नया मुद्दा छेड़ने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य पर बीजेपी तो हमलावर थी ही उनकी पार्टी सपा ने भी फौरन इसे उनका निजी बयान बताकर विवाद से किनारा कर लिया। शिवपाल यादव द्वारा बयान से पल्ला झाड़ने के बाद मौर्य सपा में बिल्कुल अकेले नजर आने लगे। तब तक उन पर मनोज पांडे, रोली मिश्रा और पवन पांडे जैसे सपा नेताओं के हमले भी हो चुके थे।

इस पूरे विवाद पर शुक्रवार को एक निजी टेलीविजन न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान उन्होंने बड़ा दावा किया है। बीजेपी छोड़कर सपा में आए स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव का समर्थन होने का दावा कर दिया। उन्होंने एक श्लोक पढ़ते हुए कहा कि मौनं स्वीकृति: लक्षणम् यानी इस मामले पर अखिलेश की चुप्पी का मतलब है कि वह समर्थन में हैं।

क्यों चुप हैं सपा सुप्रीमो ?

समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो रामचरितमानस को लेकर शुरू हुए विवाद को लेकर अब तक चुप्पी साधे हुए हैं। अभी तक केवल सपा के छोटे कद और सवर्ण समाज से आने वाले नेताओं ने ही स्वामी प्रसाद मौर्य की विवादित टिप्पणी की आलोचना की है। पिछले दिनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी सपा सुप्रीमो की चुप्पी पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि मौर्य के बयान की उनकी चुप्पी बताती है कि यह लोग प्रदेश का माहौल खराब करना चाहते हैं।

इन हमलों के बीच स्वामी प्रसाद मौर्य के दावे ने अखिलेश यादव की भूमिका को और संदिग्ध बना दिया है। पिछड़ी जाति की छोटी पार्टियों और बीजेपी से पिछड़े नेताओं को तोड़कर लाने के बावजूद विधानसभा चुनाव जीतने में असफल रहने वाली सपा क्या एक नई रणनीति पर काम कर रही है। सपा मुखिया क्या अपनी चुप्पी से पिछड़ों और दलितों को आगामी लोकसभा चुनाव से संदेश देना चाहते हैं। ऐसे कई सवाल लखनऊ के सियासी हलकों में तैर रहे हैं।

क्या थी स्वामी की विवादित टिप्पणी

बीते रविवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री और सपा से एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों में जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर यदि समाज के किसी वर्ग का अपमान हुआ है तो वह निश्चित तौर पर धर्म नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों में तेली और कुम्हार जैसी जातियों के नामों का उल्लेख किया गया है, जो इन जाति के लाखों लोगों की भावनाओं को आहत करती है। मौर्य ने ग्रंथ में लिखी हुई बातों को बकवास करार देते हुए रामचरितमानस पर बैन लगाने की मांग कर दी।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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