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Lucknow News: रामचरितमानस की चौपाइयां गाकर स्वामी प्रसाद मौर्या को सद्बुध्दि देने को हुआ यज्ञ, मूल स्वरुप से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं

Lucknow News:स्वामी प्रसाद मौर्या के बयान और रामचरितमानस की प्रतियां जलाने वालों की मानसिकता सुधारने के उद्देश्य से राजधानी में एक पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

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Newstrack Network
Published on: 3 Feb 2023 8:20 PM IST
Lucknow News: रामचरितमानस की चौपाइयां गाकर स्वामी प्रसाद मौर्या को सद्बुध्दि देने को हुआ यज्ञ, मूल स्वरुप से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं
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Lucknow News: श्री कृष्ण जन्म भूमि मुक्ति दल की ओर से पारा चौराहे के मणिमहेश मंदिर के निकट सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। जिसमें भजन-कीर्तन कर श्रद्धालुओं ने पवित्र ग्रंथ का अपमान करने वालों के सही मार्ग पर आने की प्रार्थना की। साथ ही प्रण लिया कि रामचरितमानस के मूल स्वरुप से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

स्वामी प्रसाद मौर्या के बयान और रामचरितमानस की प्रतियां जलाने वालों की मानसिकता सुधारने के उद्देश्य से राजधानी में एक पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें श्रद्धालुओं ने रामचरितमानस की चौपाइयों, यज्ञ और भजन-कीर्तन के माध्यम से सनातन धर्म की रक्षा का संकल्प लिया।

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को बर्खास्त करने की मांग

पूजन कार्यक्रम के बाद हुई चिंतन बैठक में कथावाचक पंडित अजय त्रिपाठी ने सनातन संस्कृति पर लगातार हो रहे हमलों पर चिंता जाहिर की। श्री कृष्ण जन्मभूमि के पक्षकार राजेश मणि त्रिपाठी ने कहा कि रामचरितमानस पर और अधिक विवाद पैदा करने वाले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को बर्खास्त किया जाना चाहिए। किसी और धार्मिक पुस्तक पर ऐसा आघात करने का साहस किसी में नहीं है। स्वामी प्रसाद मौर्या जैसों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, वरना आगे चलकर ऐसी घटनाएं समाज में सहिष्णुता खराब करेंगी।

रामचरितमानस में कोई बदलाव का विचार भी न करे

उन्होंने सोशल मीडिया में चल रही कुछ प्रकाशकों द्वारा रामचरितमानस के मूल ग्रंथ में बदलाव करने की सूचनाओं का हवाला देते हुए कहा कि सनातन अनुयायी कभी इसकी इजाजत नहीं देंगे। प्रकाशक का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म के सिद्धांतों को गीता, रामायण, उपनिषद, पुराण, प्रख्यात संतों के प्रवचन और अन्य चरित्र-निर्माण पुस्तकों व पत्रिकाओं को विशुद्ध रूप से प्रकाशित और विपणन करके आम जनता के बीच प्रचार-प्रसार करना है।

अगर कोई प्रकाशक रामचरित मानस के मूल ग्रंथ में बदलाव करने की कोशिश कर रहे हैं, तो ऐसा सोचे भी न, क्योंकि शास्त्रों को बदलने की नहीं शास्त्रों को समझने की जरूरत है। जो लोग हमारे सनातन शास्त्रों पर टिप्पणी कर रहे हैं, उनसे शास्त्रार्थ कर उन्हें शास्त्रों के मूल सिद्धांतों से परिचय कराना आवश्यक है। सनातन की जड़ में जातीयता और ऊँच-नीच का जहर जिस तरह से घोला जा रहा है, वह राष्ट्र और समाज दोनों के लिए बहुत ही घातक होगा। चिंतन बैठक में अरविंद कुमार पांडे, राघवेंद्र त्रिपाठी, आलोक मिश्र ने अपने विचार व्यक्त किए और लोगों को सनातन संस्कृति के रक्षा का संकल्प दिलाया।



Shashi kant gautam

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