×

Deoria News: जगद्गुरु स्वामी राजनारायणाचार्य ने कहा- रामचरितमानस की प्रतियां जलाने की घटना, हिंदू एवं भारतीय संविधान का अपमान

Deoria News: श्री तिरुपति बालाजी मंदिर के पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी राजनारायणाचार्य ने श्री रामचरितमानस की प्रतियां जलाने की घटना को हिंदू एवं भारतीय संविधान का अपमान बताया है।

Shailesh Kumar Mishra
Published on: 30 Jan 2023 2:47 PM GMT
Deoria News: जगद्गुरु स्वामी राजनारायणाचार्य ने कहा- रामचरितमानस की प्रतियां जलाने की घटना, हिंदू एवं भारतीय संविधान का अपमान
X

Deoria News: उत्तर प्रदेश क़े देवरिया जनपद स्थित श्री तिरुपति बालाजी मंदिर के पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी राजनारायणाचार्य ने श्री रामचरितमानस की प्रतियां जलाने की घटना को हिंदू एवं भारतीय संविधान का अपमान बताया है।

स्वामी ने कहा है कि देखिये भारतीयो को सावधान रहने की जरूरत है।इससे दुर्भाग्यपूर्ण और क्या हो सकता कि भारत मे रहने वाले और भारतीय ग्रंथ का अपमान करें।यह बहुत ही हास्यास्पद और घृणास्पद है। विदेशी मिशनरियों के इशारे पर धर्म परिवर्तन कराने के लिए यह सुनियोजित षड्यंत्र रचा जा रहा हैं। भारतीय संविधान किसी भी धर्म के ग्रंथों को जलाने का किसी को अधिकार नहीं देता है। यह बहुत ही निंदनीय और घृणित कार्य है।

विश्व का पहला संविधान है श्रीरामचरितमानस

स्वामी ने कहा है कि श्रीरामचरितमानस विश्व का पहला संविधान है। यह समतामूलक है। अगर कोई किसी धर्म या किसी धार्मिक ग्रंथ को नहीं मानता है तो वह उसे न पढ़ें। मगर उसे अपमानित करना या जलाना दुर्भाग्यपूर्ण कार्य है। भारत में रहने वाले भारतीय ग्रंथों का अपमान करें इसे हास्यास्पद और घृणास्पद और क्या हो सकता है।भारतीय संविधान के प्रथम पृष्ठ पर ही पुष्पक विमान से अयोध्या लौटते प्रभु श्रीराम का चित्र बना हुआ है। ऐसे में इसे जलाना भारतीय संविधान का अपमान है और यह राष्ट्र द्रोह से भी बड़ा अपराध है।

पौरुष है तो किसी अन्य धर्म के ग्रंथों को जलाकर दिखाओ

स्वामी जी श्री रामचरितमानस की प्रतियां जलाने वाले लोगों को खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर तुम्हारे अंदर बल व पौरुष है तो किसी अन्य धर्म के ग्रंथों को जलाकर दिखाओ। सनातनधर्म के ग्रंथों में रोचक,भयानक,यथार्थ विधा से निरुपण किया गया है। जिसका परम लक्ष्य समाज को सच्चाई का ज्ञान कराना है। किसी भी क, दोहा, पाई,छप्पय,छंद,सोरठा,कवित्त आदि का अर्थ प्रकरण को देखकर किया जाता है । भारतीय वांग्मय में एक शब्द के अनकों अर्थ होते जिसका निरुपण प्रसंग,पात्र के अनुसार किया जाता है । ऐसे में इस मामले पर केंद्र व राज्य सरकार को सोचना होगा और तत्काल इसे सुलझाना होगा।

Shashi kant gautam

Shashi kant gautam

Next Story