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UP Politics: दिनेश खटीक नहीं हैं नाराज, मुद्दा विहीन विपक्ष बना रहा है तिल का ताड़: स्वतंत्र देव सिंह

UP Politics: बुधवार को पत्रकारों से बातचीत की। स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि राज्य मंत्री दिनेश खटीक का पार्टी और सरकार में पूरा सम्मान है।

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Published on: 20 July 2022 10:34 AM GMT (Updated on: 20 July 2022 10:57 AM GMT)
Swatantra Dev Singh
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स्वतंत्र देव सिंह (photo: social media ) 

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UP Politics: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह (Swatantra Dev Singh ) ने कहा कि उनकी जल शक्ति विभाग के राज्य मंत्री दिनेश खटीक (Dinesh Khatik) से रोजाना बातचीत होती रहती है, वह नाराज नहीं हैं। उन्होंने खुद इस बात को स्वीकार किया है और अगर कोई बात होगी भी,तो बैठकर सुलझा लिया जाएगा। विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है,वह इसे तिल का ताड़ बना रहा है।

यह बातें उन्होंने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहीं। उन्होंने कहा कि राज्य मंत्री दिनेश खटीक का पार्टी और सरकार में पूरा सम्मान है। उनकी हर बात को गंभीरता से लिया जाता है। इसके बावजूद अगर कहीं कोई बात है, तो उस पर चर्चा कर ली जाएगी और उसका समाधान निकाल लिया जाएगा। उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सपा मुखिया के पास कोई मुद्दा नहीं है। अपने सौ दिनों के कार्यकाल में सरकार ने सफलतापूर्वक तमाम उपलब्धियां दर्ज की हैं। इससे हताश होकर सपा मुखिया मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं।

समाज के सभी वर्गों को सम्मान

पार्टी और सरकार में समाज के सभी वर्गों को सम्मान दिया जा रहा है और आगे भी दिया जाता रहेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करती है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मूल मंत्र सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास पर कार्य कर रही है। हमारा उद्देश्य समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के जीवन में खुशहाली लाना है।

क्या कहा था दिनेश खटीक ने?

उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री दिनेश खटीक ने यह शिकायत करते हुए इस्तीफा दे दिया है कि उन्हें "दलित होने के कारण दरकिनार कर दिया गया" . मंत्री दिनेश खटीक ने अपना इस्तीफा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेजा है।

उत्तर प्रदेश के जल संसाधन मंत्री श्री खटीक ने अपने पत्र में दावा किया है कि उन्हें 100 दिनों से कोई काम नहीं दिया गया था। विभागीय तबादलों में अनियमितता का आरोप लगाने वाले पत्र में वे कहते हैं, ''मैं इसलिए इस्तीफा दे रहा हूं क्योंकि मैं आहत हूं.''

"मुझे कोई महत्व नहीं दिया गया क्योंकि मैं एक दलित हूं। मेरे पास एक मंत्री के रूप में कोई अधिकार नहीं है। राज्य मंत्री के रूप में मेरा काम करना दलित समुदाय के लिए एक बेकार है - मुझे किसी बैठक के लिए नहीं बुलाया गया और न ही अपने मंत्रालय के बारे में कुछ भी बताया गया। यह दलित समुदाय का अपमान है," खटीक ने अपने पत्र में लिखा।

सूत्रों का कहना है कि पार्टी उनसे इस्तीफे के बारे में बात करने की कोशिश कर रही है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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