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SWINE FLU: डेंजर जोन में राजधानी, पाए जा रहे सबसे सबसे ज्यादा मरीज
प्रदेश की राजधानी और नवाबों का शहर कहे जाने वाले लखनऊ में सबसे अधिक संक्रमण बीमारियों का खतरा है। यहां सबसे अधिक स्वाइन फ्लू बीमारी होने की लगातार पुष्टि हो रही है। आंकड़ें रोजाना बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में आम लोगों को बेहद सावधानी बरतने की जरुरत है।
लखनऊ: प्रदेश की राजधानी और नवाबों का शहर कहे जाने वाले लखनऊ में सबसे अधिक संक्रमण बीमारियों का खतरा है। यहां सबसे अधिक स्वाइन फ्लू बीमारी होने की लगातार पुष्टि हो रही है। आंकड़ें रोजाना बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में आम लोगों को बेहद सावधानी बरतने की जरुरत है।
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अगर सरकारी आंकड़ों की बात करें तो प्रदेशभर के 54 जिलों में अब तक 2000 से अधिक मरीजों में स्वाइन फ्लू के वायरस पाए गए हैं। इसमें सबसे अधिक मामला राजधानी से ही है। केवल लखनऊ में स्वाइन फ्लू के 1200 से अधिक मामले प्रकाश में आए हैं। स्वाइन फ्लू से अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। बच्चों से लेकर बड़े-बूढ़े सभी इसकी चपेट में आ रहे हैं।
सीएमओ का अभियान फेल
- सीएमओ डॉ जीएस वाजपेयी की टीम लगातार पिछले दो महीनों से एंटी लार्वा का छिड़काव कर रही है।
-सीएमओ का दावा है कि रोजाना अलग-अलग मोहल्लों में जाकर इसका छिड़काव हो रहा है।
- फॉगिंग मशीनों द्वारा मच्छरों को भगाने का काम भी जोरों पर है। राजधानी के लोगों को संक्रमण बीमारियों से बचाव के उपाय बताए जा रहे हैं और उनको जागरुक भी किया जा रहा है।
- लेकिन सरकारी आंकड़े सीएमओ के अभियान पर पानी फेर रहे हैं। केवल लखनऊ में ही सबसे अधिक मामले प्रकाश में हैं।
कोई भी नहीं है सुरक्षित
संक्रमण बीमारियों ने राजधानी के साफ-सफाई की पो खोल दी है। केजीएमयू तो लार्वा का हब बन चुका है। एसजीपीजीआई के आस-पास के इलाके संक्रमण बीमारियों के घर बन चुके हैं। स्थानीय लोग परेशान हैं। सरकारी अस्पताल, दफ्तर, स्कूल, सचिवालय, पुलिस स्टेशन से लेकर वीआईपी इलाके में भी मच्छरों के लार्वा मिले हैं। सीएमओ टीम रोजाना एंटी लार्वा का छिड़काव कर रही है लेकिन शहर के हालात कुछ और बयान कर रहे हैं। फन मॉल में भी लार्वा मिल चुका है। एबीएसए से लेकर गर्भवती महिलाओं की स्वाइन फ्लू से मौत हो चुकी है।