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ताज महोत्सव के दूसरे दिन कला प्रेमियों की दिखी कमी, आधी से ज्यादा सीटें खाली

ताज महोत्सव के दूसरे दिन (19 फरवरी) जहां पर्यटन मंत्री कार्यक्रम स्थल पर पहुंची वहीं कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुती दी। मगर कला के कद्रदान महोत्सव में दूसरे दिन भी नदारद रहे। पद्मश्री से सम्मानित लोकगीत गायिका बसंती बिष्ट के साथ साथ लोकगीत गायिका मालिनी

tiwarishalini
Published on: 20 Feb 2018 10:36 AM IST
ताज महोत्सव के दूसरे दिन कला प्रेमियों की दिखी कमी, आधी से ज्यादा सीटें खाली
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आगरा: ताज महोत्सव के दूसरे दिन (19 फरवरी) जहां पर्यटन मंत्री कार्यक्रम स्थल पर पहुंची वहीं कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुती दी। मगर कला के कद्रदान महोत्सव में दूसरे दिन भी नदारद रहे। पद्मश्री से सम्मानित लोकगीत गायिका बसंती बिष्ट के साथ साथ लोकगीत गायिका मालिनी अवस्थी की लोक संगीत संध्या में भी दर्शक दीर्घा खाली रहीं। टिकट बिक्री कम होने से अफसरों की धड़कनें बढ़ गई हैं। वहीं साउंड सिस्टम में परेशानी को लेकर मालिनी अवस्थी भी परेशान रही और मंच से इसकी शिकायत करती दिखाई दी।

क्या क्या हुआ?

- ताज महोत्सव के दूसरे दिन पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी की गरिमामयी उपस्थिति को ध्यान में रख मुक्ताकाशीय मंच पर गायिका बसंती बिष्ट की प्रस्तुति का प्रबंध किया गया था.

- बसंती के गीतों ने माहौल को खुशनुमा जरूर बनाया, मगर वहां पर जीते लोगों के आने की आशंका थी, उसके आधे भी नजर नहीं आये।

- बसंती बिष्ट की गायकी के बाद नृत्य नाटिका ‘छत्रपति शिवाजी’ की प्रस्तुति हुई। शिवाजी के 388वीं जयंती को समर्पित इस प्रस्तुति में 25 नर्तकों ने शिवाजी के जीवन की कई घटनाओं का वर्णन किया।

- नृत्य नाटिका के जरिए यह बताया गया कि पुणो में पैदा हुए शिवाजी ने किस तरह मराठा साम्राज्य का विस्तार किया और किस तरह संगठन मजबूत कर अपनी बहादुरी के बल पर मुगल शासकों से लोहा लिया।

- राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान का उल्लेख नाटिका के जरिए किया गया।

- ताज महोत्सव में शिल्पग्राम में मुख्य मंच पर सोमवार को प्रमुख कार्यक्रम लोकगायिका मालिनी अवस्थी का था।

- वह रात 10:30 बजे के करीब मंच पर पहुंची। उन्होंने शुरुआत गणपति वंदना से की। इसके बाद उन्होंने गीत सुनयना को हर्ष भयो, आज सीता का जनम भयो.. सुनाकर रंग जमाना शुरू किया।

- अगली प्रस्तुति उन्होंने अमीर खुसरो के कलाम आज रंग है ऐ मां, रंग है री.. की दी। इसी दौरान साउंड सिस्टम ने रंग में भंग डाल दिया।

- कई बार मंच से मालिनी अवस्थी के कहने के बावजूद जब साउंड सिस्टम सही नहीं हुआ तो वह मंच से नीचे उतर आईं।

महोत्सव में प्रस्तुति देने आईं मालिनी अवस्थी ने कहा कि हम आजकल के ऐसे लोगों से मुकाबला नहीं कर सकते हैं जो कहते हैं कि हमें 50 लाख लाइक मिले हैं। 50 हजार लाइक मिले हैं। हकीकत यह है कि लाइक खरीदे जा रहे हैं। वह मंच पर प्रस्तुति से पूर्व ग्रीनरूम में प्रेसवार्ता कर रही थीं।

मालिनी अवस्थी ने कहा कि ताज महोत्सव जैसे मंचों की वजह से आज लोकगीत शैली जिंदा है। अगर आज मैं 600 साल पुराने लोकगीत मंच से माइक पकड़कर गा रही हूं तो महिला सशक्तीकरण की सबसे बड़ी मिसाल है। उन्होंने कहा कि लड़कों के जन्म पर सोहर गाया जाता है। अगर इसे लड़कियों के जन्म पर भी गाया जाए तो बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे अभियान की जरूरत ही नहीं होती।

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Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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