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एक टीचर ऐसी भी! जबरन बच्चियों से करवाती है गलत काम, अगर मना किया तो .....
"बा" जैसी महान महिला के नाम संचालित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय सुकरौली में एक शिक्षिका ने जुल्म की सारी हदें पार कर दी। आरोप है कि राजनीतिक रसूख रखने वाली इस अध्यापिका द्वारा गलत काम करने के लिए बच्चियों पर दबाव बनाया जाता है। अगर कोई मना करती है तो उसको कमरे में बंद कर पिटाई की जाती और उन्हें भूखा रखा जाता है।
गोरखपुर: "बा" जैसी महान महिला के नाम संचालित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय सुकरौली में एक शिक्षिका ने जुल्म की सारी हदें पार कर दी। आरोप है कि राजनीतिक रसूख रखने वाली इस अध्यापिका द्वारा गलत काम करने के लिए बच्चियों पर दबाव बनाया जाता है। अगर कोई मना करती है तो उसको कमरे में बंद कर पिटाई की जाती और उन्हें भूखा रखा जाता है।
हॉस्टल की वार्डन शालिनी सिंह भी इस बात को स्वीकार कर रहीं हैं। बच्चियां ही नहीं इस शिक्षिका की हरकतों व दबंगई से पूरा विद्यालय परिवार परेशान है। शिकायत के बावजूद उसकी ऊंची पहुंच के कारण अधिकारी भी मौन रहना बेहतर समझते हैं।
- ताजा मामला सुकरौली गांव की एक बच्ची का है।
- कमरे में बंद कर इस शिक्षिका ने बच्ची की जमकर पिटाई की और पूरे दिन भूखा रखने के बाद विद्यालय से निकाल दिया।
- इस बच्ची का गुनाह यही है कि उसने अपने जमीर की सुनी और गलत काम करने के लिए शिक्षिका की बात मानने से मना कर दिया।
- ये हादसा सीधे- सीधे पूरी कानून व्यवस्था पर करारा तमाचा है।
- बच्चियों को शिक्षित करने के लिए राष्ट्र पिता महात्मा गांधी की पत्नी कस्तूरबा गांधी के नाम पर 2004 में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय योजना शुरू की गई।
- इसमें गरीब परिवारों की बच्चियों को भोजन, आवास तक की सुविधा दी जाती है।
- पीछे सोच यह है कि गरीब परिवारों की बच्चियां को भी पढ़ कर देश व समाज का नाम रोशन करने का मौका मिलेगा।
- परंतु कस्तूरबा गांधी विद्यालय सुकरौली की बच्चियों की दुर्दशा रोंगटे खड़े कर देगी।
- यहां की बच्चियां पढने की बजाय टेंशन में जी रही ह।
-.उन पर गलत व अनैतिक काम के लिए दबाव बनाया जाता है।